ज्योतिष के अनुसार हमारे शरीर पर चंद्रमा का प्रभाव क्या है

जैसे चंद्रमा हमेशा घटता बढ़ता रहता है इसी तरह हमारे मन का संतुलन भी घटता बढ़ता है इसलिए यह मन का प्रतीक माना जाता है इस धरातल पर जल तत्व से संबंधित सभी वस्तुओं पर चंद्रमा का अधिकार है चाहे वह फल सब्जियां हो या पीने का पानी हो हमारे शरीर में 70% तक जल होता है इसे चंद्रमा की किरणें प्रभावित करती है चंद्रमा की किरणें समुद्र में लहरें उत्पन्न करने का कारण भी है इसी तरह यह हमारे मन में लहरें उत्पन्न करती हैं.

जिन व्यक्तियों में चंद्रमा के तत्व की कमी है उनमें डिप्रेशन देखा जाता है वह अति क्रोधित हो जाती है या अति अवसाद वाली स्थिति में चले जाते हैं वह कोई काम धैर्य सी नहीं कर पाते हैं यह सुसाइडल टेंडेंसी देता है आत्महत्या की विचार भी मन में आते हैं पिछली बुरी घटनाओं को याद करना और दुखी होते रहना यह सबसे बड़ी निशानी है चंद्रमा की कमजोरी यह व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है महसूस करने की क्षमता को प्रभावित करती है वह सही चीज और गलत चीज का फर्क नहीं कर पाता है व्यक्ति को सर्दी जुकाम जल्दी से लग जाता है.

शरीर में कब बना रहता है उसे ठंड बहुत नुकसान करती है चंद्रमा कमजोर होने की सबसे बड़ी निशानी होती है कि मन अशांत और हमेशा चिड़चिड़ा व्यवहार हो जाता है ज्योतिष में चंद्रमा को माता का कारक और सुख का कारक कहा जाता है जिन व्यक्तियों का चंद्रमा मजबूत होता है उनका अपनी माता से संबंध बहुत मधुर रहता है माता उनकी एक बेस्ट फ्रेंड की तरह होती है माता जी द्वारा दिया गया ज्ञान संसार में कहीं भी मिलने वाले ज्ञान से अधिक महत्व रखता है क्योंकि माता ही हमारी प्रथम गुरु होती है ऐसे व्यक्तियों में धैर्य बहुत ही देखा जाता है ऐसे व्यक्ति संतोषी स्वभाव के वह धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं.

आज के युग में भले ही कितनी चकाचौंध हो पर वास्तविक सुख तो मन का सुख है क्योंकि यह चौथे घर का कारक है यह लोग सरल व सहज जीवन जीने में विश्वास रखते हैं इनको वाहनों का सुख भी प्राप्त होता है तथा पुश्तैनी जायदाद भी चंद्रमा ही देता है इनको बीच पानी वाली जगह पसंद होती है और अपनी परंपराओं का पालन करते हैं ऐसे लोगों को दूध का व्यापार मोतियों का व्यापार अधिक फलित होता है यह चंद्रमा से संबंधित कुछ जानकारी है जो शास्त्रों में बताई गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *