जिओ अपना शेयर लगातार क्यों बेच रहा है? इसके क्या कारण हो सकते हैं?

पंजाबी मे एक कहावत है कि ” शेर को भूख लगी थी और बकरी खारिश से परेशान थी ” यही समीकरण जियो द्वारा अपना शेयर बेचने मे लागू हो रहा है। भारत मे बढते इंटरनेट के प्रसार मे इस से जुडी विश्वव्यापी कम्पनियों मे जियो के प्रति आकर्षण बढता जा रहा है जिस प्रकार जियो ने भारत मे इंटरनेट क्रांति की शुरुआत की है और कम पैसों मे उपभोक्ताओं को डाटा उपलब्ध करवाया जा रहा है इसको ध्यान में रखते हुए फेसबुक ने जो निवेश हाल ही मे जियो मे किया है उसने आने वाले समय को भाँप लिया है कि जियो एक अरब और पैंतीस करोड़ की बडी आबादी में क्या कुछ अपने दम पर करने का माद्दा रखता है

वास्तव मे, भारत की बडी और युवा आबादी के बीच सोशल मीडिया के अलावा ई कामर्स का बहुत ही सुंदर भविष्य है एक बार फेसबुक ने स्वयं इंटरनेट विस्तार के लिए योजना बनाई थी किन्तु जियो के बाजार आगमन ने फेसबुक व गूगल जैसी इंटरनेट आधारित कम्पनियों का काम आसान कर दिया है।

फेसबुक-रिलायंस जियो में 43, 574 करोड़ रुपये की बड़ी डील, मुकेश अंबानी की कंपनी में अब 9.99 फीसदी FB की हिस्सेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने बुधवार सुबह रिलायंस जियो में बड़ा निवेश का ऐलान किया है। कंपनी जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश की है। Apr 22, 2020

किन्तु एक सच्चाई यह भी है कि जियो को खडा करने मे मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की पीठ मे भी “दर्द” (वित्त संकट) बढ गया था और दर्द मे आराम तो ” बाम ” ( पैसा) से ही मिलता है तो पहले फेसबुक दूसरी सिल्वर लेक और तीसरी एक और बिल्कुल तैयार बैठी है।

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