जानिए सफल लोगों की जिंदगी की गहराई से सीखें नए कौशल प्रबंधन

आज भी मेरा पसंदीदा टीवी सीरियल 2014 में आया पॉलिटिकल ड्रामा ‘मैडम सेक्रेटरी’ है। मैंने इसके सभी 6 सीजन देखे हैं, जिनमें कुछ 120 एपीसोड हैं। यह एक एनए एन। रघुरामन विश्लेषकों की कहानी है, जो नैतिक कारणों से नौकरी छोड़ देती है और उसे अमेरिका का सेक्रेटरी ऑफ स्टेट नियुक्त किया जाता है।

इस मुख्य किरदार का नाम एलिजाबेथ मैक्कॉर्ड है, जो अपनी पूर्ववर्ती की प्रदर्शनीहास्पद मौत के बाद, राष्ट्रपति के निवेदन पर सार्वजनिक जीवन में लौटती है। उसका बॉस उसके अराजनैतिक रुझान, मध्य पूर्व की जानकारी, भाषा कौशल और रचनात्मक सोच की कद्र करता है। एलिजाथ आंतरिक कूटनीति संभालती हैं, कार्यालय राजनीति से लड़ती हैं और प्रोटोकॉल को टक्कर देती हैं, साथ ही राष्ट्रीय – आंतरिक मुद्दों पर बातचीत भी करती हैं। उन जैसे लोग वैसी छवि छवि ’बनाते हैं, जैसे अमेरिका की आज है। घर पर, राजनीति और समझौते के नए अर्थ हैं, जहां उसका सहयोगी पति और तीन होशियार बच्चे हैं। मेरे लिए यह हमेशा ऐसी सेवा बनी रहेगी, जहाँ हर बात बुद्धिमत्तापूर्ण और अमेरिका की शक्तिशाली छवि को बनाए रखने के लिए है। इस सीरियल से मैंने एक बात सीखी है कि अपने शब्दों का होशियारी से कैसे इस्तेमाल करें। इस सीरियल को देखते हुए मैं हमेशा सोचता था कि क्या अमेरिका कभी किसी महिला को इतना प्रतिस्पर्धी होने देगा, जैसा कि सीरियल में दिखाया गया है। मेरी उम्मीद पर पानी फिर गया जब हिलेरी क्लिंटन, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से हार गए थे लेकिन शुक्रवार को जब कमला हैरिस ने अमेरिका के इतिहास की पहली महिला उप-राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तो मुझे नई उम्मीद मिली। मैं बाकियों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मुझे हमेशा उम्मीद रहती है कि मैडम वाइस प्रेसीडेंट वैसा ही व्यवहार करेंगी, जैसा टीवी सीरियल में मैडम सेक्रेटरी करती हैं। अमेरिकियों को यह भी लगता है कि 78 वर्ष की उम्र में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कमला को अपना डिप्टी इसलिए चुना है क्योंकि अगर बाइडेन को कुछ होता है, तो वे कभी भी उनकी जगह लेने के लिए तैयार रहेंगी और उनके साथ कोरिस – बाइडेनिस्ता ने कहा। रहा है। कमला सब नहीं है, बल्कि काउंटर और सब – काउंटर में कई प्रमुख पदों पर इतिहास के किसी भी अमेरिकी प्रशासन की तुलना में कहीं ज्यादा महिलाएं हैं।) मैडम वाइस प्रेसीडेंट यानी कमला, जिनके नाम का अर्थ ‘लक्ष्मी’ है, ने सार्वजनिक रूप से महिलाओं के प्रति घृणा, लैंगिक भेदभाव, नस्लवाद और कट्टरता झेली और इनसे ऊपर उठकर तमाम दकियानूसी बाधाओं को पार किया। एक और व्यक्ति है, जो तेलंगाना के छोटे से गांव से उठा और राष्ट्रपति जो बाइडेन के भाषण में लिखा है, जिन्हें वे अमेरिकी जनता के सामने पढ़ते हैं। सी विनय रेड्डी बाइडेन की टीम में भाषण लेखन के निदेशक हैं। वे करीमनगर जिले के छोटे से गांव पोथिरेड्डीपेटा से हैं। प्रवासी परिवार के तीन बेटों में मंज़ले बेटे विनय ओहायो में बड़े हुए और कोई इंजीनियर कोर्स करने की जगह उन्होंने स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ से पढ़ने का फैसला लिया। वे तब से बाइडेन की टीम का हिस्सा हैं, जब 2013 से 2017 के बीच बाइडेन उप-राष्ट्रपति थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान अगर जो बाइडेन अपना हर शब्द सावधानी से चुन पाते थे और डोनाल्ड ट्रम्प के शब्दों के जाल में फंसने से बच जाते थे, तो इसका सारा श्रेय विनय द्वारा सतर्कतापूर्वक तैयार किए गए भाषणों को जाता है। आज कमला और विनय के गावों में लोग उनकी सफलता का जश्न मना रहे हैं लेकिन मैं आशा करता हूं कि वे युवाओं को यह भी बताएंगे कि दोनों आज वहां कैसे पहुंचे, जहां वे आज हैं। फंदा यह है कि हर सफल व्यक्ति की जिंदगी को गहराई से जानें और उन छोटी – छोटी चीजों को देखें, जिन्होंने उनका जीवन बदल दिया।

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