जानिए बकिंघम पैलेस के बारे में कुछ रोचक तथ्य
लंदन में स्थित यह महल ब्रिटिश राजघराने का आधिकारिक निवास स्थान है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इसी महल में रहती हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये महल उनकी निजी संपत्ति नहीं है, क्योंकि इसपर मालिकाना हक ब्रिटिश सरकार का है। इस महल से जुड़ी ऐसी ही कई रोचक बातें हैं, जो आपको शायद ही पता हों।
तो चलिए जानते हैं इनके बारे में…
ड्यूक ऑफ बकिंघम ने लंदन में रहने के लिए इसे घर के तौर पर बनवाया था। परंतु 1837 ई॰ में पहली बार क्वीन विक्टोरिया ने इस महल को अपना घर बनाया था। वह महल में रहने वाली पहली महारानी थीं।
ये महल वर्तमान में महारानी की निजी संपत्ति नहीं है क्योंकि इस पर मालिकाना हक ब्रिटिश सरकार का है।
बकिंघम पैलेस में पहली बार साल 1883 में बिजली आई थी और आज इस शानदार महल को रोशन करने के लिए 40 हजार बल्बों का इस्तेमाल होता है।
महल में कुल 1514 दरवाजे और 760 खिड़कियां हैं।
बकिंघम पैलेस में कुल 775 कमरे हैं जिसमें से 52 शाही कमरे हैं।
यह महल लंदन के सबसे बड़े महलों में से एक है जिसका कुल क्षेत्रफल 77 हजार वर्ग मीटर है।
यह महल लंदन के सबसे बड़े महलों में से एक है जिसका कुल क्षेत्रफल 77 हजार वर्ग मीटर है।
महल के अंदर शाही संग्रह में 10,000 से अधिक वस्तुएं यूनाइटेड किंगडम और विदेशों में 130 से अधिक संग्रहालयों और दीर्घाओं के लिए दीर्घकालिक ऋण पर हैं, जिनमें ब्रिटिश संग्रहालय, द नेशनल गैलरी, विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय, लंदन के संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रहालय शामिल हैं। वेल्स और स्कॉटलैंड की राष्ट्रीय गैलरी शामिल हैं।
बकिंघम पैलेस का सबसे बड़ा कमरा बॉलरूम है। इसे महारानी विक्टोरिया द्वारा जोड़ा गया था और समारोहों जैसे अभिषेकों और वर्तमान में यह राजकीय भोजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
महल का आखिरी एवं प्रमुख निर्माण कार्य को किंग जॉर्ज V के शासनकाल के दौरान कराया गया था जब 1913 में सर एस्टन वेब ने ब्लोर के 1850 ईस्ट फ़्रंट को दुबारा डिजाइन कर चेशायर में गाइकोमो लियोनीज लाइम पार्क को कई भागों में बाँट दिया था।
महल से जुड़े हुए कुछ शाही घुड़साल मौजूद है जिसे नैश द्वारा डिजाइन किया गया था, जहाँ गोल्ड स्टेट कोच के साथ शाही सवारियाँ रखी गयी हैं। और इसे राजा द्वारा केवल राज्याभिषेकों या जयंती समारोंहों के लिये इस्तेमाल किया जाता है। घुड़साल में शाही समारोहों के क्रम में उपयोग किये गये रथों के घोड़े भी रखे गये हैं।
2015 नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ से मिले थे। और यह महल महल राष्ट्रीय खुशी और राष्ट्रीय संकट दोनों वक्त पर ब्रिटेन और ब्रिटेन के लोगों का इतिहास बताता रहा है।