जानिए दुनिया 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाती है?
महिला दिवस पहली बार सन 1909 में मनाया गया, हालांकि तब तारीख 8 मार्च नहीं थी, बल्कि 28 फरवरी थी। अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार नेशनल महिला दिवस मनाया था।
इसके 1 साल पहले 1908 में न्यूयार्क की एक कपड़ा मिल में काम करने वाली करीब 15000 महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर तनख्वाह और वोट के अधिकार के लिए प्रदर्शन किया था।
पहले महिला दिवस को मनाए जाने की 1 साल बाद अगस्त 1910 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में महिलाओं की कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस मनाने का फैसला लिया गया और 1911 में पहली बार 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
सन् 1913 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तारीख 8 मार्च कर दी गई। तब से हर 8 मार्च को विश्वभर में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन 1917 में रूस की महिलाओं ने महिला दिवस पर रोटी, कपड़े के लिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। उन दिनों रूस में जूलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर। दोनों ही तारीखों में कुछ अंतर है।
जूलियन कैलेंडर के मुताबिक, 1917 की फरवरी का आखिरी रविवार 23 फरवरी को था, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च था। चूंकि इस समय पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर चलता है इस कारण 8 मार्च का दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र ने 1975 का साल महिला वर्ष घोषित किया था और 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अधिकारिक स्वीकृति प्रदान की थी।