गोविंदा और डेविड धवन की गहरी दोस्ती किस छोटी सी बात पे एक पल में टूट गई

जोड़ियां तो बहुत बनी है लेकिन बॉलीवुड में गोविंदा और डेविड धवन जैसी जोड़ी कभी नहीं बनी है। ये डायरेक्टर और एक्टर की जोड़ी साल 1990 के दशक में छाई हुई थी और इस जोड़ी के लगातार कई सुपरहिट फिल्में दीं। गोविंदा और डेविड धवन ने एक साथ 17 फिल्में की है, इनमें से कई फिल्में बॉक्सऑफिस पर हिट रही है। साल 1986 में गोविंदा की पहली फिल्म आई जिसका नाम लव 86 था इसके बाद उन्होंने 1992 तक 50 फिल्में की और हैरानी की बात यह कि इन 50 फिल्मों एक भी फिल्म कॉमेडी की नहीं थी। यह फिल्मे एक्शन,फैमली और ड्रामा वाली थी।

हालांकि इन फिल्मों में भी गोविंदा को सफलता मिली, स्वर्ग और हत्या ये वो फ़िल्मे थीं जिसमें गोविंदा को सफलता मिली। वहीं बात करें डेविड धवन की तो वो डायरेक्टर बनने से पहले एडिटर के तौर पर 40 फिल्मों में काम कर चुके थे साल 1989 में डेविड धवन ने फैसला लिया की अब वो डायरेक्टर बनेंगे और उनकी पहली फ़िल्म ताकतवर थी। जिसमें मुख्य रोल में गोविंदा थे और यह फिल्म फ्लॉप हो गया उसके बाद गोविंदा और डेविड धवन की और फ़िल्म आई साल 1992 में सोला और सबनम इस फ़िल्म ने डेविड धवन और गोविंदा की किस्मत चमका दिया। यह मूवी सुपर हिट रही ।

इस फिल्म में डेविड धवन की डायरेक्शन कमाल का था तो वहीं गोविंदा की कॉमिक टाइमिंग ने सभी को दीवाना बना दिया। साल 1993 में गोविंदा और डेविड धवन की एक और फिल्म आई, आंखे यह फिल्म भी सुपरहिट रही हीरो नंबर 1, कुली नंबर 1, राजा बाबू, बनारसी बाबू, परदेसी बाबू और भी कई फिल्में लगातार हिट रही।

साल 1990 का दशक गोविंदा और डेविड धवन के नाम रहा 2004 में गोविंदा ने पॉलिटिक्स ज्वाइन किया इसके बाद वो राजनीति और बॉलीवुड में ताल मेल नहीं बना पाए। इसलिए गोविंदा ने राजनीति छोड़कर बॉलीवुड में अपना करियर फिर से बनाना का फैसला लिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुका था। इस गोविंदा को एक अच्छी फिल्म की जरूरत थी और उन्हें भरोसा था कि उनके दोस्त डेविड धवन उनकी मदद करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए इनकी दोस्ती टूट गई।

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