गूगल का फुसिया ऑपरेटिंग सिस्टम (fuschia os) क्या है?

भविष्य में फ्यूसिया ओएस, एंड्रॉइड का विकल्प बन सकता है। इसका निर्माता कोई और नहीं बल्कि खुद गूगल ही है। गूगल 2016 से लगातार इस पर काम कर रहा है। आइये जानते हैं इस प्रॉजेक्ट से जुड़ी मुख्य बातें—

एंड्रॉइड की कमियाँ:

वैसे तो लगभग हम सभी एंड्रॉइड प्रयोग कर रहें हैं। पर फिर भी एंड्रॉइड में कुछ कमियाँ हैं, जिन्हें नीचे बताया गया है—

एंड्रॉइड पर गूगल का सीधा नियंत्रण नहीं है, सभी स्मार्टफोन कम्पनियों ने एंड्रॉइड के ऊपर अपनी खुद की स्किन (यूआई) लगाई हुई है। जैसे— शाओमी की MI UI, सैमसंग की One UI आदि।
इसी कारण गूगल चाहकर भी एंड्रॉइड डिवाइसिज को समय से अपडेट नहीं दे पाता है। जब भी गूगल कोई अपडेट जारी करता है, तो पहले ये कंपनियां उस अपडेट पर अपनी स्किन लगाती हैं फिर यूजर अपडेट देती हैं, जिससे इस प्रोसेस में काफी समय लग जाता है।
एंड्रॉइड, विंडोज की तरह नहीं है कि प्रॉडक्ट लॉन्च होने के दस साल तक अपडेट देता रहे। स्टॉक एंड्रॉइड (बिना स्किन लगा हुआ, ऑरिजिनल एंड्रॉइड) को छोड़कर किसी भी डिवाइस को 1-2 साल से अधिक समय तक अपडेट नहीं मिलते।
एंड्रॉइड को स्मार्टफोन्स को ध्यान में रखकर बनाया ही नहीं गया था, बल्कि इसे सबसे पहले डिजिटल कैमरों के लिए डिज़ाइन किया गया था![1]
फुसिया ओएस की विशेषताएँ:

फुसिया ओएस, एंड्रॉइड की ज्यादातर कमियों को दूर कर सकता है। इसकी कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—

इसे किसी ख़ास ऑपरेटिंग ऑपरेटिंग सिस्टम को ध्यान में रखकर नहीं बनाया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि फुसिया ओएस का जैसा अनुभव आपको अपने फ़ोन में होगा, वैसा ही अनुभव डेस्कटॉप, स्मार्ट टीवी आदि में भी होगा।
जहाँ एंड्रॉइड लिनक्स पर आधारित है तो वहीं फुसिया ओएस जिरकॉन पर आधारित होगा।
यह ओएस C++, गो, डार्ट आदि में लिखा जा रहा है, यही कारण है कि यह स्मार्ट बल्ब से लेकर स्मार्ट वाशिंग मशीन तक, सभी को सपोर्ट करेगा।
गूगल इसे कभी भी अपडेट देने के लिए स्वतंत्र होगा, जिससे निःसंदेह यह ज्यादा सिक्योर होगा।

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