गांव में रहने वाली जनजातियां पुरुषों को आकर्षित करने के लिए करती हैं यह काम

लोग अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए क्या-क्या नहीं करती वही गांव में रहने वाले जनजातियों की बात करें तो उनका सुंदरता व्यक् करने का अपना अलग ही तरीका होता है।जी हां दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं। दुनिया भर में पाए जाने वाले विभिन्न जातियों के बारे में जब भी अपने तरीकों से अपनी सुंदरता को निखारते हैं।

जिराफ की गर्दन जानवरों में जैसे उसे अनोखा बनाती है। वैसे ही दुनिया में एक जनजाति हैं, जिसकी महिलाएं गले के कारण अलग मानी जाती हैं। देखने में इनकी गर्दन भी जिराफनुमा मालूम पड़ती है। पता है कैसे? ये महिलाएं खास किस्म के गले में छल्ले जो पहनती हैं। मामला पूर्वी म्यांमार (पहले बर्मा) का है। यहां कायाह राज्य में कायन पादौंग जनजाति है, जिसकी महिलाएं गले में पीतल के मोटे छल्ले पहनती हैं। ऐसा इसलिए, ताकि गर्दन लंबी दिखे। यहां इसे सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। दुनिया भर में इन महिलाओं को ‘जिराफ वुमेन’ के नाम से भी जाना जाता है।

साउथ अफ्रीका में बहुत सारी जनजाति निवास करती है वहां एक मसाई जनजाति है मसाई जनजाति अपनी सुंदरता को निखारने के लिए अपने कान के पिन्ना मे भारी सामान लटकाते हैं मसाई जनजाति में बच्चों के कान मे लकड़ी का टुकड़ा या लोहा या फिर कुछ ऐसी भारी चीज लटका दी जाती है जिससे बच्चों के कान खिंचने लगते है। पहले छोटे छोटे चीजें लटकायी जाती है फिर उम्र के साथ साथ टुकड़े बड़े करते हैं मसाई जनजाति में यह सुंदरता का प्रतीक माना जाता है ।

नार्थ निम्बिया में निवास करने वाले हिम्बा जनजाति अपने चेहरे व बालों पर लाल मिट्टी थोप लेते हैं ऐसा वे अपनी सुंदरता को निखारने के लिए करते हैं एवं सामने वाले पुरुष को आकर्षित करने के लिए करते हैं मिट्टी को अपने चेहरे एवं बालों पर लगाने को हिम्बा जनजाति सुंदरता का प्रतीक मानते हैं।

ओमो नदी इथोपिया में निवास करने वाली एक जनजाती अपने होंठ में एक डिस्क नुमा संरचना के आकार की प्लेट पहनते हैं जिसे लिप प्लेट या लिप प्लग भी कहते हैं । यह इनका सुंदरता व्यक्त करने का एक तरीका होता है ।

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