गांधारी ने अपने ही पुत्रों की लाश पर खड़े होकर बेर क्यों खाए थे? जानिए सच

महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था और गांधारी कुरुक्षेत्र में अपने पुत्रों के शव पर विलाप कर रही थी तभी श्री कृष्ण वहां आते हैं और गांधारी से प्रश्न पूछते हैं कि इस संसार में सबसे बड़ा दुख क्या है? गांधारी विलाप करती हुई कहती है कि अपनी आंखों के सामने अपने पुत्रों और परिजनों की मृत्यु से बड़ा दुख इस जगत में अन्य कोई नहीं हो सकता है।

श्री कृष्ण वहां से चले जाते हैं। जब शाम ढलने लगी तो गांधारी को भूख लगने लगी तभी उसे बेर के मीठे फलों की सुगंध आयी। जब वो बेर तक पहुंची तो उसके हाथ फलों तक नहीं पहुंच पा रहे थे तब उसने वहां मौजूद शवों के ढेर लगाना शुरू किया ताकि उनपे चढ़कर बेर तोड़ सके जिनमें उसके पुत्रों के भी शव थे।

जब उसने बेर तोड़कर खाना शुरू किया तब श्री कृष्ण वहां आए और उससे कहा कि इस जगत का सबसे बड़ा दुख भूख है उसके आगे कुछ नहीं।

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