गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित मुख्य अतिथि की क्या भूमिका होती है? जानिए

भारत में गणतंत्र दिवस खास महत्व रखता है, क्यों की स्वतन्त्रता मिलने के बावजूद, अपने डमिनियन खिताब से इसी दिन मुक्ति मिला था भारत को। इसका यह मतलब हुआ कि १९५० जानुआरी २६ को भी भारत पूरे विश्व में अपना अलग संविधान, अपना अलग शासन प्रणाली तथा अपना अलग नाय पालिका लेकर खड़ा हुआ। यह उपलब्धि को पूरे विश्व भर में परिचित कराने केलिए भारत अपने गणतंत्र दिवस पर दूसरे देशों की राष्ट्र मुख्य, या न्यायिक मुख्यों को आमन्त्रित करना शुरू किया।

सबसे पहला आमन्त्रित अतिथि थे, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकोर्णो साहब। इनको मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के पीछे कारण था सुकोर्णो साहब का भारतीय सत्याग्रह तथा अन्य आंदोलन प्रति सम्पूर्ण समर्थन। इंडोनेशिया भारतीय संस्कृति तथा व्यापारिक सम्बन्ध को लेकर भी करीब है। इसलिए पहले उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था।

यह तस्वीर १९५० की गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड का है। उसके बाद से आजतक हर साल( बीच में बस दो तीन साल ऐसा नहीं हुआ था) भारत एक राष्ट्र मुख्य को अपने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करता आया है।

मुख्य अतिथि की भूमिका –

जैसे कि हम सभी जानते हैं, भारत विश्व में एक अहम राष्ट्र है जहां लोकतंत्र सफल है, व्यापार बढ़ती जारही है, तथा इसकी सेना शक्ति विश्व के सबसे बेहतरीन सेनाओं में से एक है। इसलिए कोई भी राष्ट्र चाहता है कि भारत से अच्छे सम्पर्क बनाए रखे। इसलिए भारत के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि होना अपने आप में एक राजनैतिक सम्मान है उस राष्ट्र केलिए जिसके राष्ट्र मुख्य निमंत्रित होते हैं।

यहां पर वो खाली परेड पर भाग नहीं लेते, और कई सारे विधान तथा सम्मान प्राप्त करते हैं।

राष्ट्रपति जी द्वारा तिरंगा उत्तोलान पर वो उनका साथ देते हैं।

फिर उन्हें भारतीय सेना के तरफ से “ गार्ड ऑफ ऑनर” मिलता है। किसी भी राष्ट्र मुख्य केलिए दूसरे राष्ट्र के सेना से यह सम्मान पाना दोनों देश के बीच में सौहार्द्य तथा आपसी मित्रता का प्रतीक होता है।

यह २०१५ की तस्वीर है, जब अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जी भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। यहां उनको गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान नवाजा जा रही है। यह अधिक चर्चा में था क्यों कि पहली बार एक महिला कमांडर ( पूजा ठाकुर) यह नेतृत्व लिए थे। दुनिया भर में इसे सराहा गया था।

मुख्य अतिथि अपना वक्तव्य रखते हैं, जिसमें दोनों देशों के अहम विषयों को ध्यान रखकर बातें रखी जाती है।

फिर मुख्य अतिथि राजघाट जाकर महात्मा गांधी के समाधि में श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं। उनके सम्मान में भारत के राष्ट्रपति नैश्य भोज तथा प्रधान मंत्री दीवाहार आयोजन करते हैं।

२०१८ में भारत एक साथ दश आसियान देशों( दक्षिण पूर्व) के राष्ट्र मुख्यों को आमन्त्रित करके और एक नया पदक्षेप लिया था।

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