क्रिकेट में गेंद की गति को कैसे मापा जाता है? जानिए
आपने क्रिकेट मैच मे गेंदबाज के गेंदबाजी के दौरान देखा होगा की, कुछ ही सेकंड मे ये बता दिया जाता है कि गेंद की स्पीड कितनी है, गेंद की स्पीड को मापने के लिए 2 गैजेट का उपयोग किया जाता है, तो चलिए जानते है इसके बारे मे –
- स्पीड गन या राडार गन –
ये एक ऐसा गैजेट है, जिसका उपयोग सभी चीजों के स्पीड मापने मे किया जाता है, जैसे – गेंद या कार की स्पीड, ये गैजेट डाप्लर प्रभाव के सिद्धांत पे काम करता है, साल 1947 मे जॉन बाकर ने इस गैजेट को बनाया था.
मैच के दौरान इस गैजेट को मैदान के सीमा रेखा के पास लगाया जाता है, ताकि तुरंत गेंद की स्पीड मापा जा सके, इस गैजेट को ट्रैफिक पुलिस, सड़क मे चलती हुई कार की स्पीड को मापने मे भी उपयोग करते है, ये गैजेट किसी भी चीज का बहुत ही सटीक स्पीड मापती है।
- हॉक आई –
हॉक आई का उपयोग भी गेंद की स्पीड मापने में किया जाता है, हॉक आई एक ऐसी कंप्यूटर तकनीक है, जो सिर्फ 5 मिलीमीटर की सीमा के भीतर भी सही गणना करता है, साल 2001 में पहली बार इस तकनीक का उपयोग क्रिकेट में किया गया, हॉक आई का सबसे ज्यादा उपयोग थर्ड अंपायर करते है, जब बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू होता है, तब ये देखा जाता है की गेंद स्टंप में जा रही थी या नहीं।