क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित पारी का श्रेय किस अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाज के नाम है? जानिए उनका नाम

2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर टेस्ट में गौतम गंभीर के कठोर रुख ने आपदा के कगार से वापसी करने के लिए उल्लेखनीय दृढ़ता दिखाई।

टेस्ट मैच को हार से बचाने का उनका मैराथन प्रयास विदेशों में भारत के बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शनों में से एक है। जब टीम को जरूरत पड़ी तो गंभीर ने अपने प्रदर्शन से अपना असली चरित्र दिखाया। उनकी जिद, जबरदस्त अनुशासन, लगन और मानसिक शक्ति ने टीम के भीतर असंभव को हासिल करने के लिए आत्मविश्वास पैदा किया।

गंभीर के प्रदर्शन का महत्व:

  • न्यूजीलैंड में कठिन विदेशी परिस्थितियां।
  • भारत 314 रनों से पीछे चल रहा था और फॉलोऑन के लिए मजबूर होना पड़ा। भारत के पास मैच में दो दिन से अधिक समय शेष रहने के कारण जीतने का कोई मौका नहीं था।
  • गंभीर ने 436 गेंदों में 137 रन बनाए, जो अविश्वसनीय 643 मिनट तक चला।
  • उन्होंने 2 दिनों की अवधि में खेला।
  • टेस्ट बचाने के लिए भारत को बल्लेबाजी के लिए जितनी गेंदों की जरूरत थी, उसमें गंभीर का ने 40% से अधिक गेंदों को इस्तेमाल किया।
  • जब भारत को साथ की जरूरत पड़ी तो टीम के बाकी सभी बेहतरीन बल्लेबाज राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, वी सहवाग ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए।

न्यूज़ीलैंड ने अपनी पहली पारी में कुल 619 रन बनाए थे, जवाब में एक थकी हुई भारत टीम केवल 305 रन ही बना सकी। क्योंकि न्यूज़ीलैंड ने फॉलोऑन लागू किया था, 314 रनों की बढ़त के साथ भारतीय सलामी बल्लेबाज वी सहवाग और जी गंभीर बल्लेबाजी करने आए।

पिच सपाट होने के कारण गंभीर बड़े शॉट मारने की कोशिश कर सकते थे, लेकिन उन्होंने नियंत्रण नहीं खोया और 11 घंटे तक बल्लेबाजी की! न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने गंभीर का ध्यान भटकाने की पूरी कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।

इस प्रक्रिया में गंभीर ने राहुल द्रविड़ (62), सचिन तेंदुलकर (64) और वीवीएस लक्ष्मण (124 *) के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की।

गंभीर उस दलदल की तरह था जिसके चारों ओर भारतीय पारी बिना रुके चलती थी। ऐसा लग रहा था कि वह उस दिन एक भी गलती नहीं करने वाला था। वह आउट जरूर हुआ, लेकिन टीम को एक मजबूत स्थिति में लाकर। यह महान लचीलेपन और स्वभाव की पारी थी।

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