क्या वीरेंद्र सहवाग को टीम से बाहर करने के लिए कोई खेल खेला गया था?
सहवाग एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट मे दो तिहरे शतक बनाये हैं। वन डे मे वे दोहरा शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय थे। सहवाग एक महान आक्रामक बल्लेबाज थे। जब ऐेसे महान खिलाड़ी को सम्मानजनक विदाई नही मिलती हैं तो दुःख हर किसी को होता हैं।
जूनियर खिलाड़ी के टीम का कप्तान बनते ही वरिष्ट खिलाड़ी को टीम से बाहर करने का एक फैशन सा पिछले कुछ सालों से बन चुका हैं। सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़, वी वी एस लक्ष्मण एवं गौतम गंभीर, सहवाग के अलावा इसके ज्वलंत उदाहरण हैं।
महेंद्र सिंह धोनी जो करोड़ों के विज्ञापन साइन किए हुए हैं क्या वे खेलना नहीं चाहते हैं, लेकिन जो उन्होने दूसरों के साथ किया वो आज दूसरा उनके साथ कर रहा हैं। और ये क्रम निरंतर चलता रहेगा बिना रुके।