क्या दुनिया में इच्छाधारी सांप भी होते हैं?

हमें फिल्मों और कहानियों से इच्छाधारी सांपों के अस्तित्व के बारे में पता चलता है| परंतु क्या वास्तव में इच्छाधारी सांप होते हैं? इसके बारे में आज तक सही तरीके से यह कोई भी पता नहीं लगा पाया है कि इच्छाधारी नाग-नागिन भी होते हैं। किंतु ऐसे बहुत से मत प्रचलित हैं जिनसे हमें इच्छाधारी सांपो के बारे में कुछ जानकारियां मिलती हैं| आइए जानते हैं सांपो से जुड़े हुए उस प्राचीन रहस्य के बारे में…

हिंदू धर्म के अनुसार:

हमारे देश में सांप को नागदेवता के रूप में पुजा जाता हैं और शंकर भगवान के गले में भी सांप को दर्शाया गया हैं| हिंदू धर्म में मान्यता है कि एक कोबरा जाति का सांप होता है जो कि अपनी सौ वर्ष की उम्र पूरा कर लेने के बाद वह इच्छाधारी सांप बन जाते है और फिर वह सैकड़ों वर्षो तक जीवित रहते हैं| इस तरह के सांपों में अनेक प्रकार की सिद्धियां आ जाती हैं।

जिसकी वजह से वह किसी का भी रूप धारण कर लेते हैं|

प्राचीन समय में नागों का जीवन:

प्राचीन ग्रंथो में नाग कन्याओं का उल्लेख मिलता हैं| मान्यता हैं की प्राचीन समय में बहुत सी नाग कन्याओं का विवाह हुआ था। जिसका उल्लेख हमें मिलता है| शास्त्रों के अनुसार भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह एक नाग कन्या से हुआ था। तथा अर्जुन का विवाह उलकी नामक नागकन्या से हुआ था लेकिन यह सभी नाग कन्याएँ इच्छाधारी नहीं थी। शास्त्रों में विष कन्याओं का भी उल्लेख मिलता हैं|

कैसे होते हैं इच्छाधारी नाग नागिन:

हम लोगों ने फिल्मों में अक्सर देखा हैं की इच्छाधारी नाग-नागिन का ऊपर का धड़ इंसान और नीचे का भाग सांप का होता हैं| कभी-कभी ये पूरे इंसान के रूप में होते हैं| माना जाता हैं की इनकी लंबाई लगभग 30 से 40 फुट तक हुआ करता था। पुराणों में जिस प्रकार उल्लेखित हैं उस हिसाब से भगवान श्रीकृष्ण ने जिस नाग अगासुर का वध किया था। वह भी इतना ही बड़ा था| इसके अलावा हमें पौराणिक ग्रंथों में नागवंश और नाग-कन्याओं से जुड़े हुए अदभूत जानकारियां भी मिलती हैं।

वैज्ञानिक मतानुसार:

जहां तक वैज्ञानिको और सर्प विशेषज्ञों का मानना हैं कि इच्छाधारी नाग-नागिन से जुड़े हुए सभी पौराणिक कहानियाँ और चरित्र पूरी तरह से काल्पनिक है। इसके अलावा वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि सांप विश्व का सबसे रहस्यमई प्राणी है। सांपों को लेकर कई धारणाये प्रचलित हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *