क्या ज्यादा दौड़ने के बाद मसल्स कम होने लगते हैं? जानिए सच

हमारा शरीर वास्तव में एक बहुत ही ज़्यादा सक्षम अनुकूलन मशीन है । आपके शरीर का आकार प्रकार रूप रंग इस पर निर्भर करता है की आप क्या खाते हैं क्या करते हैं कहाँ रहते हैं आदि । उदाहरण के लिए अगर आप दिन भर बैठ के काम करते हैं तो आपकी तोंद बाहर होगी । अगर आप ठंढे इलाक़े में रहते हैं तो गोरे होंगे अगर आप गर्म इलाक़े में रहते हैं तो आपकी त्वचा का रंग काला होगा ।

लोहार अपने हाथों का बहुत इस्तेमाल करते हैं इसलिए उनके हाथों की मांसपेशियाँ बहुत हाई मज़बूत होती हैं लेकिन वहीं किसी अकाउंटैंट के हाथों की मांसपेशियों कमजोर होंगी । ऐसा क्यूँ है ? ऐसा इसलिए है की शरीर ने अपने आपको एक ख़ास काम करने के लिए एक ख़ास इलाक़े में रहने के लिए अपने आपको अनुकूल बना लिया है ।

यह दो बातों पर निर्भर करती हैं । पहला तो यह की आप किस तरह के धावक हैं ? तेज गति से छोटी दूरी के लिए दौड़ते हैं या अपेक्षाकृत कम गति से ज़्यादा दूरी तक दौड़ते हैं ।

अगर आप तेज गति से काम दूरी तक दौड़ते हैं तो आपके शरीर को मांसपेशियों की ज़रूरत होगी जो की आपको विस्फोटक ऊर्जा दे सके । इसलिए आपकी मांसपेशियाँ काम नहीं होंगी । उदाहरण के लिए देखिए usain bolt को । उनकी मांसपेशियाँ आपको कहाँ से काम लगती हैं ?

लेकिन अगर आप अपेक्षाकृत काम गति से ज़्यादा दूर तक दौड़ते हैं तो शरीर अतिरिक्त मांसपेशियों को त्याग देगा ताकि इसे ज़्यादा बोझ ना ढोना पड़े । उदाहरण के लिए olympic के ५०००० मीटर के धावकों की एक तस्वीर देखिए । यकीनन इनकी मांसपेशियाँ usain bolt से काम हैं ।

ये तो बात थी champions की । अब बात करते हैं आम आदमी की । हमारे शरीर के लिए ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत हैं कार्बोहाइड्रेट और फ़ैट । कार्बोहाइड्रेट सामान्य रूप से ऊर्जा देता है लेकिन फ़ैट विस्फोटक ऊर्जा देता है । शरीर सबसे पहले कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा लेता है, उसके बाद ज़रूरत पड़ने पर फ़ैट से और सबसे अंतिम में प्रोटीन से । आज के समय में अधिकांश लोगों का शरीर फ़ैट से ऊर्जा का इस्तेमाल करना भूल गया है । इसलिए जब भी इसे अतिरिक्त ऊर्जा की ज़रूरत पड़ती है तो यह कार्बोहाइड्रेट से सीधा प्रोटीन पर आ जाता है । याद रखिए जब भी शरीर प्रोटीन से ऊर्जा लेगा तो आपका मसल लॉस होगा ही होगा । इसलिए आपको धीरे धीरे शरीर को फ़ैट से ऊर्जा लेने के लिए ट्रेन करना पड़ेगा । जो लोग रेगुलर exercise करते हैं।

उनका शरीर इसके लिए पहले से ट्रेन होता है लेकिन नए exercise करने वालों का शरीर उसके लिए ट्रेन नहीं होता है । अगर आप नए दौड़ने वाले हैं तो ज़्यादा जल्दीबाज़ी मत कीजिए । अपनी स्पीड और दौड़ने की दूरी धीरे धीरे बढ़ाइए । अगर आप जल्दीबाज़ी करेंगे तो आपका मसल लॉस यकीनन होगा और ऊर्जा की कमी के कारण अपने दौड़ने के रेज़ीम को जारी नहीं रख पाएँगे । अगर सम्भव हो तो शुरुआती दो हफ़्ते के दौड़ने के ट्रेनिंग के बाद काम से काम एक हफ़्ते के लिए keto diet पर आ जाएँ । keto diet का मतलब होता है सिर्फ़ प्रोटीन और फ़ैट की diet, नो कार्बोहाइड्रेट। हफ़्ते में एक दिन कार्बोहाइड्रेट होगा बस ।

keto diet बहुत जल्दी शरीर की फ़ैट को ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करना सिखा देता है । अब आपका शरीर नॉर्मली भी फ़ैट से ऊर्जा लेगा और प्रोटीन यूज़ नहीं करेगा । उससे आप दिन भर ज़बरदस्त ऊर्जा भी महसूस करेंगे और मसल लॉस भी नहीं होगा । इस डाइयट को फ़ॉलो करने पर आपको दौड़ने के लिए या फिर किसी भी दूसरे व्यायाम को करने के लिए कभी आलस्य महसूस नहीं होगा बल्कि हमेशा आप exercise करने के लिए तैयार रहेंगे । अगर आप आलसी हैं और आपको exercise करने का मन नहीं होता है तो आपको अपनी सोच पर दुबारा गौर करने की ज़रूरत है ।

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