क्या गणेश भगवान् की सवारी एक चूहा हो सकता है या ये सिर्फ कल्पना है?
बड़े आश्चर्य की बात है कि महाकाय देह धारण करने वाले गणपति बाप्पा की सवारी एक छोटे से चूहे को दिखते हैं | स्पष्ट है कि अवश्य ही इसका कोई आध्यात्मिक अर्थ होगा | सोचने वाली बात है की इतने बड़े शरीर वाला इतने छोटे चूहे पे सवारी कैसे कर सकता है ..आज के दिन लोग एक से एक बड़ी और अच्छी गाडियों में घूमते है और इतने बड़े देवता की सवारी एक मूषक .. वास्तव में चूहा सांकेतिक है .
.मानव के मन का प्रतिक है चूहा चंचल होता है यहाँ वहां भागता है कुतरता है तंग करता है ऐसे चूहे को गणेश जी ने अपना वहां बनाया है मतलब अपने अधीन किया है ..
उसी तरह मन जो चंचल है स्थिर नही रहता ..पुरानी बातो को सोचता है मतलब चूहे के सामान कुतरता रहता है ऐसे मन को अपने वश में करना गुडो को धारण करके …