क्या कोई मरने के बाद जिंदा हुआ है, अगर हाँ तो उसको मरने के बाद कहाँ ले जाया गया था? जानिए सच
हां ऐसी सच्ची घटनाएं हो चुकी हैं, ऐसी ही एक घटना मैंने न्यूज पेपर और मैगज़ीन में पढ़ा था।
बिजनौर में एक तहसील है नगीना, नगीना तहसील के किसी गांव में एक बुढ़िया का देहान्त हो जाता है। बुढ़िया की लाश आंगन में पड़ी थी, घर की औरतें लाश को घेरकर बैठी हैं और बाहर पुरुष लाश का अंतिम संस्कार करने की तैयारी में जुटे थे।
अचानक बुढ़िया की नातिन दौड़ते हुए अपने पापा के पास जाती है और कहती है पापा दादी जिंदा हो गई।
उस छोटी लड़की की बात सुनकर सभी आश्चर्य से भर उठे,सभी उत्सुकतावश बुढ़िया को देखने जाते हैं। लड़की की बात सच थी बुढ़िया खाट पर बैठकर पान चबा रही थी।
सभी को अब जानना था कि क्या हुआ था।
बुढ़िया ने बताया कि – दो काले और लंबे यमदूत मुझे लेने आए। मैं उनके साथ जाने से मना कर रही थी तब वे उसे जबरदस्ती खींच कर ले गए। हवा में उड़ते हुए हम तीनों एक बहुत बड़े दरबार में पहुंचे। वहां बहुत ठंडी हवा चल रही थी और असंख्य लोग प्रतीक्षा में खड़े थे। असंख्य घंटियां और पताके लहरा रहे थे।
बुढ़िया को यमराज के सामने लाया गया, सामने सफेद कपड़े और दाढ़ी वाले व्यक्ति ने बुढिया का बही-खाता निकाला और कड़क कर पूंछा इसको कौन लाया है। दोनों यमदूत डर कर सामने आते हैं। तब चित्र गुप्त कहते हैं इसका समय अभी बाकी है इसे वापस करके दूसरी को ले आओ।
बुढ़िया हाथ जोड़कर कहती है – महाराज मुझे अब वापस नहीं जाना आप मुझे यहीं रख लीजिए लेकिन दोनों यमदूत उसको वहां से निकालते हैं और आसमान से ही नीचे फेंक देते हैं। नीचे गिरने कि वजह से बुढ़िया के घुटने चोटिल हो जाते हैं। वह कहानी बताते बताते घुटने सहलाने लगती है।