क्या कुम्भ पर इतना खर्च करना आवश्यक है? जानिए

बहुत आवश्यक है, जहाँ पर लाखों-करोडो लोग आते हो वहां बेसिक सुविधाओं का होना बहुत आवश्यक है, जो एक अच्छे स्तर की नहीं थी, जो की जा रही हैं और प्रयास जारी हैं.

सबसे बड़ा फायदा शहर को हुआ,

सड़कें पहले से बेहतर हो गयी, शहर सुन्दर हो गया है, पानी निकासी बहुत बेहतर हो गया है, चौराहे बड़े हो गए है, जाम की समस्या गयी है, शहर साफ़ हो गया है, पैदल चलने वालों को आसानी हो गयी है, रेलवे स्टेशन (प्रयागराज, प्रयाग, नैनी, फाफामऊ) सुविधायें बढ़ गयीं है जिससे यात्रियों को आराम हो गया है.

मेला जाने वाली सभी सड़कें बेहतर हो गयी हैं.

मेला क्षेत्र पहले से ज्यादा सुव्यवस्थित हो गया है.

और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है,

अगर आपको लगता है ये किसी धर्म विशेष की सरकार का धर्म के लिए है तो पिछली अखिलेश भैया की सरकार में भी यही सारे काम हुए थे सं २०१२ में, जिसमे चौड़ीकरण, मेला क्षेत्र में नई सुविधाएं, लोगों को आवागमन की सुविधा.

कुम्भ सिर्फ आस्था का विषय नहीं है,

कुम्भ सरकार के लिए बहुत बड़ी आमदनी का जरिया है,

लोग कुम्भ पैदल तो जायेंगे नहीं

बस, ट्रैन, बाइक, कार से जायेंगे तो फायदा नहीं होगा,

लोग प्रयागराज आएंगे तो कुछ खरीदेंगे व्यवसाय नहीं बढ़ेगा

कुछ (मतलब बहुत सारे) लोग मेले में १ महीने तक प्रवास करते हैं जो वहीँ से सामान खरीदते हैं

कितने लोग इसी कुम्भ में दुकाने खोलते हैं,

कितनी बड़ी कम्पनियाँ यहाँ स्टाल लगाती हैं

सरकार अपनी सारी योजनाओं को एक निश्चित जगह पर स्टाल लगा कर लोगों को जानकारी मुहैया कराती है.

प्रदेश के हर जिले से खादी के स्टाल लगते हैं, उनका व्यवसाय बढ़ता है

लघु-गृह उद्योग के लोग यहाँ अपने स्टाल लगाते हैं

विदेशी सैलानी यहाँ आते हैं

और अगर पैसा खर्च करके इस महा संगम के स्थान को सुन्दर सुव्यवस्थित किया जायेगा तो जो ऊपर लिखी गतिविधियां हैं वो बढ़ेंगी ज्यादा से ज्यादा लोग जायेंगे

जिससे सरकार की आय बढ़ेगी

तो जजों व्यव हो रहा है वो सरकार अपने मुनाफे के लिए हो रहा है.

मेला के समय जो भी ट्रैन-बस प्रयागराज (इलाहबाद) से जाती है उसका किराया ५ रूपये बढ़ा दिया जाता है, आप चाहे मेला जाएँ चाहे न जाएँ, अब जोड़ लीजिये।

वैसे भी सारे टेंट पता नहीं किस ज़माने के थे, बदल दिया अच्छा आएं फिर यहाँ मुंह बनाये सरकार कुछ करती नहीं, इतना बड़ा स्थान है कुछ करती नहीं, अब कुछ कर रही है तो क्यों कर रही है?

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