क्या कारण है की कभी डीजल की बाइक नहीं बन पाई?

दोराहे का कपूर इंजीनियरज़ था जो लुधियाना में फिरोजपुर रोड पर स्थिति था। वह पुराने बुलेट मोटरसाइकिलों पर पेट्रोल इंजन को बदल कर डीजल इंजन फिट कर देता था। मैं उसके पास एक पुराना बी ऐस ऐ मोटरसाइकिल ले गया। उसने कहा कि वह इस को डीजल पर कर तो देगा पर इसके लिए जुगाड़ बदलना पड़ेगा।

अगर बुलेट होता तो आसान था। फिर मेरा खयाल बदल गया। मेरे गांव का एक आदमी था। उसनें ऐसा डीजल वाला मोटरसाइकिल रखा हुआ था। मैंने जब उसकी रिपेयर के बारे में पूछा तो वह कह रहा था कि खराब होने पर वह खुद ही इसे ठीक कर लेता है। ऐसे मोटरसाइकिल की आवाज़ कुछ अजीब सी होती है।

बहुत से लोग बुलेट की आवाज़ पसंद कर आवाज कारण खरीदते हैं। दूसरी बात यह है कि ऐसे मोटरसाइकिल का इंजन दायीं साईड पर लटका सा दिखाई देता है। सो बैलेंस सा नहीं बनता। एक कंपनी ने सूरज नाम का डीजल वाला मोटरसाइकिल निकाला था पर वह ज्यादा चला नहीं। इतना जरूर सुना है कि उसकी माईलेज बहुत थी कोई 80 या 90 किलोमीटर प्रति लीटर। अब पता नहीं।

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