क्या इतिहास में क्रिकेटर गौतम गंभीर के योगदान को याद रखा जाएगा?

भारतीय क्रिकेट इतिहास में गोतम गंभीर का रोल बहुत महत्व रखता है |गंभीर ने हमें वो यादें दी है जिसके बारे मे हम में सोचकर हम दिन रात खुश होते हैं |

कुछ तथाकथित क्रिकेट एक्सपर्ट गौतम गंभीर को ओवररेटेड बताते है तो कोई गंभीर को असभ्य भी कहते हैं |इसका प्रमुख कारण रहा उनकी आक्रामकता |

अब उन लोगों को कोन समझाए कि यह गंभीर की आक्रामकता ही थी जिसके कारण भारत की झोली में 2-2 वर्ल्ड कप आए थे |

भारतीय क्रिकेट इतिहास में गौतम गंभीर का योगदान अतुलनीय रहा है जिसे कभी भुलाया नही जा सकता |

वैसे तो गंभीर ने ऐसी कई पारिया खेली जो हर क्रिकेट प्रशंसक को याद होगी लेकिन वो दो परिया जिसने गंभीर को क्रिकेट में अमर कर दिया था |

पहली पारी 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के विरूद्ध 75 रन |जितने दबाव के अंदर गंभीर ने यह पारी खोली थी मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा दबाव क्रिकेट में शायद ही किसी ने महसूस किया हो |

पहला वर्ल्ड कप और उसका भी फाइनल वो भी पाकिस्तान के खिलाफ |इस परिस्थिति में गंभीर के उपर हर प्रकार का दबाव था और उस स्थिति में भी गंभीर ने अपनी टीम के लगभग 50% रन स्वयं ने बनाए |मैं कैसे भूला दूं इस पल को..

दूसरी वो पारी जिसने पूरे देश को झूमने पर मजबूर कर दिया था | पारी थी 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के विरूद्घ और वो भी लक्ष्य का पीछा करते हुए |एक ऐसा मैच जब गंभीर को मैच के पहले ही ओवर में बल्लेबाजी के लिए जाना पड़ा था |उस मैच में एक स्थिति ऐसी भी आई जब पूरे मैदान में सन्नाटा छा गया था क्योकिं सचिन पाज्जी आउट हो गए थे | उस समय हर भारतीय दर्शक के चेहरे पर मायूसी थी | और मायूसी को दूर किया गौतम गंभीर ने |ऐसी स्थिति में जब खिलाड़ी आमतौर पर हथियार डाल देते हैं उस स्थिति में गंभीर मैदान पर एक योद्धा की तरह खड़ा रहा | वो गंभीर ही था जिसने धोनी को खुलकर खेलने का मौका दिया |गंभीर चाहते तो उस समय शतक बनाकर अपने नाम एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड बना सकते थे लेकिन गंभीर आगे बढकर खेले तो किसके लिए सिर्फ देश के लिए |एक क्रिकेट प्रशंसक होने के नाते में गंभीर की उस 97 रन की पारी पारी को कभी नहीं भूला सकता |

यह जर्सी ही बहुत कुछ बयां कर रही है |

लोगों ने धोनी के एक छक्के के चक्कर में गंभीर के योगदान को भूला दिया |उस मैच में मैन ऑफ द मैच का असली हकदार सिर्फ गौतम गंभीर ही थे |गौतम गंभीर क्रिकेट के असली योद्धा थे |

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