क्या आप जानते है.. रेल का डीज़ल इंजिन बंद क्यों नहीं किया जाता

भारतीय रेल हमारे देश की रीड की हड्डी है। रेल में हर रोज लाखों लोग सफर करते हैं। अगर हमारे देश में रेल नहीं होती तो लोगों का बहुत बुरा हाल होता। रेल का हमारे देश में एक अलग ही महत्व है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको बसों में सफर करना अच्छा नहीं लगता। वह ज्यादातर रेल में सफर करते हैं। अगर ज्यादा लंबा सफर करना हो तो रेल ही एक विकल्प है।

क्योंकि इसमें टॉयलेट और बाथरूम की सुविधा होती है। लेकिन यह सब बसों में नहीं होता। बस बस 50 या 100 किलोमीटर के सफर के लिए ही बनी है। रेल में बैठने व सोने की व्यवस्था होती है। अगर आप लंबा सफर कर रहे हैं और बैठे-बैठे थक गए हैं। तो आप सो भी सकते हैं।

भारत में रेल को बहुत महत्व है। रोज लाखो लोग रेल से सफर करते है। रेल को मुंबई की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। लेकिन भारत में आज भी रेलवे में ज्यादा पुराने डीजल इंजन का ही इस्तेमाल किया जाता है। आपने कभी ध्यान दिया होगा कि रेल गाड़ी स्टेशन पर खड़ी हो तब भी रेल का इंजिन हमेशा चालू ही रहता है। इसके पीछे कई कारण है। अगर डीजल इंजन को बंद किया जाए तो इसके कंप्रेसर गलत असर पड़ता है और इसका ब्रेकिंग सिस्टेम भी फेल हो सकता है।

आपको बता दे की हर एक डीजल इंजन में एक बैटरी लगी हुई होती है।यह तभी चार्ज होती है जब इंजन चालू रहता है। अगर यह बैटरी चार्ज न हो तो रेल का लोकोमोटिव सिस्टम फेल हो सकता है। किसी कारणों से इंजिन बंद किया जाए तो उसे चालू करने में 20 मिनट का समय लगता है।यह भी इंजन बंद न करने का एक कारण है।इसके अलावा डीजल इंजन को चालू करने में काफी ज्यादा डीजल की जरूरत पड़ती है। इसी कारण डीज़ल बचाने के लिए भी इंजन को बंद नहीं किया जाता।

मेक इन इंडिया के तहत बिहार की मधेपुरा डॉक्टर ने 12000 हॉर्स पावर का रेल इंजन बनाया है, दुनिया में पहली बार इतनी क्षमता इंजन ब्रॉड गेज ट्रैक पर संचालित हुआ। इसके साथ भारत ज़्यादा हॉर्स पावर वाला इंजन बनाने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है।

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