कौन सा पर्वत धरती के मध्य में स्थित है? क्या आप जानते है ?

सुमेरु पर्वत भी धरती के मध्य में स्थित है

। नॉर्स भाषा की पौराणिक कथाओं में एक धरती ऐसी भी है जहां अनश्वर बसते हैं। यह धरती उत्तरी ध्रुव पर बताई गई है। सुमेरु पर्वत का स्थान भी यही बताया गया है।

सुमेरु पर्वत का अस्तित्व और उस पर देवताओं का वास।

मानव और विज्ञान के लिए इस अनसुलझी पहेली जैसे पर्वत का वर्णन लगभग हर धर्मग्रन्थ में मिलता है। आप भी जानें इसकी खूबियां…

धर्मग्रंथों में सुमेरु पर्वत जिसे मेरु पर्वत भी कहा जाता है

का जिक्र एक ऐसे पर्वत के तौर पर मिलता है जो सोने के समान चमकीले रंग का है। हिन्दू धर्म ग्रंथों में मेरु पर्वत को अलौकिक पर्वत की संज्ञा दी गई है और इसे सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा समेत समस्त देवी-देवताओं का स्थान कहा गया है। हिंदू धर्म के खगोलीय ग्रंथ कहे जानेवाले सूर्य सिद्धांत के अनुसार, यह पर्वत पृथ्वी की नाभि पर स्थित है। मत्स्य पुराण और भागवत पुराण में इसकी ऊंचाई 84 हजार योजन बताई गई है जो धरती के कुल व्यास से करीब 85 गुणा है। कूर्म पुराण में बताया गया है कि जंबूदीप के मध्य में एक सुनहरा पर्वत स्थित है।

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