कोविड से कराहती दिल्ली में अंतिम संस्कार के लिए जगह की हुई कमी, बनाये जा रहे है नए शमशानघाट

कोरोना महामारी जिस रफ्तार से लोगों की जान ले रही है, उससे दिल्ली शहर के श्मशान घाटों में दाह संस्कार के लिए जगह कम पड़ती जा रही है. इसे देखते हुए दिल्ली में अस्थाई शवदाह गृह बनाए जा रहे हैं.

महामारी की दूसरी लहर में जिस तरह से संक्रमण की सूनामी आई है, मरने वालों का आँकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को केवल दिल्ली में 380 लोगों की मौत हुई है.

मेडिकल ऑक्सीजन, इंटेसिव केयर यूनिट बेड्स और जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति कम पड़ती जा रही है. कुछ ही दिनों में भारत में संक्रमण के 10 लाख से भी ज़्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए हैं.

सोमवार के संक्रमण के आँकड़ों के मद्देनज़र मंगलवार को रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई. भारत में सोमवार को 352,991 मामले रिपोर्ट हुए थे जबकि मंगलवार को 323,144 केस रिपोर्ट हुए.

इसके साथ ही भारत में एक करोड़ 70 लाख लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इतना ही नहीं, ये महामारी देश भर में अब तक 192,000 लोगों की जान ले चुकी है.

image Reuters घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है…
हालाँकि कई लोगों का ये कहना है कि मरने वालों और संक्रमितों के वास्तविक आंकड़े कहीं ज़्यादा हो सकते हैं.

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी की एक जाँच रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि पिछले हफ्ते कम से कम 1150 लोगों की मौत के आँकड़ें दिल्ली सरकार के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किए गए.

ऐसी ही अन्य खोजी रिपोर्टों में देश भर के अन्य शहरों की स्थिति दिखाई दे रही है.

शवदाह गृहों के स्टाफ़ दिन रात एक करके काम कर रहे हैं. अपने परिजनों के दाह संस्कार के लिए आए शोक संतप्त परिवारों की वे मदद कर रहे हैं, उनके लिए लकड़िया इकट्ठी कर रहे हैं, दूसरे रीति रिवाज निभा रहे हैं.

दिल्ली में अब पार्किंग, पार्क और ख़ाली मैदानों का इस्तेमाल अंत्येष्टि स्थल के रूप में इस्तेमाल किए जाने की मांग उठ रही है.

बहुत से परिवारों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है.

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