कोरोना: भारत में दूसरी लहर इतनी ख़तरनाक और तेज़ क्यों है? जानिए वजह
शायद , उस परमात्मा को लगा होगा कि पहली बार की लहर मे इतना कुछ समझाने के बाद भी मानव ने सीख नहीं ली और यह लहर केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व मे पुनः आई है ।
इस सृष्टि पर जब से मानव सभ्य होता गया वो अधिक निर्दयी होता गया। ध्यान रहे, इस ग्रह पर केवल मानव का ही सौ प्रतिशत हक नहीं है बल्कि समान रूप से परमात्मा द्वारा उत्पन्न सभी जीवों का समान रूप से है।
पता नहीं कितने ही अवतार, पैगम्बर , खुदा के बंदे , भगवान के भेजे पुण्यात्मा मानव बार बार जो सीख देते रहे वह मनुष्य ने एक कान से सुनी दुसरे से निकाल दी। परन्तु इस अदृश्य विषाणु ने मानव को जो सन 2020 मे सीखाया था शायद मानव साल के अंत तक भूल भी गया। वो परमात्मा जो अन्तर्यामी है उसने अब इंसानी चोले मे आने का कष्ट नहीं झेला क्योंकि उसे पता है कि इंसान स्मार्ट हो गया है तर्क वितर्क बहुत करता है।
ध्यान योग है कि कोरोना काल में लगे लाकडाऊन के कारण पूरे विश्व में प्राकृतिक रूप से काफी बदलाव देखने को मिले थे मृत्यु के डर से मानव स्वभाव में भी बहुत सह्दयता देखने को मिली थी। लोग प्रकृति से प्रेम करने लगे थे।
मेरा अपना अनुभव रहा है कि कोरोना से असमय मरने वाले व कोरोना ग्रसित अधिकतर व्यक्ति वो ही थे जो परले दर्जे के दिखावटी, लालची, सूदखोर व ईर्ष्यालु प्रवृत्ति के थे।
वैसे यह मेरा स्वयं का आकलन है वैज्ञानिक रूप से इसके अन्य कारण भी हैं कोई भी विषाणु कभी भी फैल सकता है बस उसे फैलने के लिए पर्याप्त परिस्थितियाँ होनी चाहिए।