कृष्ण ने अर्जुन से गीता ज्ञान देते समय छुपाया यह खास रहस्य, जानिए अर्जुन को रहस्य कैसे पता लगा
पूर्णिमा की रात के दिन भगवान श्री कृष्ण चांद को गौर से देख रहे थे। वे मुस्कुराते भी जा रहे थे। भगवान श्री कृष्ण की मंद मंद मुस्कुराहट किसी नदी की शांति जैसी दिख रही थी।श्री कृष्ण की यह मुस्कुराहट रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
बीच-बीच में भगवान श्री कृष्ण अपने चारों तरफ देख लेते थे कि कोई उन्हें इस प्रकार मुस्कुराते हुए देख तो नहीं रहा है। तभी वहां भगवान श्री कृष्ण के मित्र धनुष धारी अर्जुन आ गए। जब उन्होंने अपने मित्र श्री कृष्ण को अकेले में मुस्कुराते हुए देखा तो उन्होंने सोचा कि वह भगवान श्री कृष्ण के आनंद के इस क्षण में विघ्न न डालने का विचार किया।आज की पहली भगवान श्री कृष्ण को अर्जुन ने कभी भी इस प्रकार से मुस्कुराते नहीं देखा था। लेकिन भगवान श्री कृष्ण की मुस्कुराहट इतनी मनमोहक लग रही थी कि अर्जुन वहां पर भगवान श्री कृष्ण की इस मुस्कुराहट का दर्शन करने के लिए खड़े हो गए।
फिर अर्जुन ने विचार किया आज इस चांद में ऐसा क्या विशेष है कि भगवान श्रीकृष्ण की मुस्कुराहट रुकने का नाम नहीं ले रही है। अर्जुन भी ध्यान से उस चंद्रमा को को देखने लगे।
चंद्रमा की तरफ देखने के बाद अर्जुन के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा था। अर्जुन ने देखा कि चंद्रमा के अंदर श्री राधा रानी यमुना तट पर विराजमान दिख रही हैं। चंद्रमा के अंदर से ही भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर रही हैं।
तभी राधा रानी ने चांद के अंदर से मुस्कुराते हुए भगवान श्री कृष्ण से बोला कि आपकी परम प्रिय सखा अर्जुन हमारी बातों को चुपके से सुन रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को प्रसन्न चित्त होकर जवाब दिया कि अर्जुन मेरे सखा के साथ-साथ मेरे बंधु और मेरे मित्र भी हैं। उनसे मेरे जीवन का कोई भी रहस्य नहीं छुपा हुआ है। अर्जुन मेरे एकांत को भंग नहीं करना चाहते थे। इसलिए वहां खड़े हो गए।
श्री राधा रानी ने व्यंग्यात्मक लहजे में श्री कृष्ण ने कहा कि फिर गीता का ज्ञान देते समय आप भी अर्जुन से इस रहस्य को क्यों छुपा दिया। श्री कृष्ण ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया यदि मैं अर्जुन को यह रहस्य बता देता तो वह अस्त्र-शस्त्र का समाधि पर बैठ जाते हैं।
अर्जुन यह सुनकर अत्यंत दुखी हुए कि भगवान श्री कृष्ण ने उनसे कोई रहस्य छुपाया है। अगले दिन सुबह ही अर्जुन।भगवान श्री कृष्ण के पास पहुंचे और विनम्रता से बोले कि आपने गीता का ज्ञान देते समय मुझसे कोई रहस्य छुपाया है।
भगवान श्री कृष्ण बोले अर्जुन मैंने तुम्हें कहा था कि मैं तुम्हें एक ऐसा ज्ञान दूंगा जो समस्त वेदों का सार है। उस ज्ञान को लेने के बाद संसार का कोई भी ज्ञान से नहीं रहता है।
इसके बाद अर्जुन ने जवाब दिया कि हां प्रभु आप बेदो बखान कहते कहते आपने यह बात कही थी। अर्जुन श्रीराधा रानी का नाम का स्मरण ही समस्त वेदों का सार है। इसके बाद किसी भी जान की आवश्यकता नहीं रहती है। तो आप लोग राधा रानी के नाम का स्मरण अवश्य करें।