किंग कोबरा को इसलिए सांपों का किंग माना जाता है, जानिए

किंग कोबरा एक लम्बे माप और बड़े आकार का सांप है. संभवत: यह धरती पर पाए जाने वाले सभी सांपों में सबसे डरावना सांप है. किंग कोबरा अपने आकार और जानलेवा डंक के लिए जाना जाता है. इस अद्वितीय सांप की कुछ खासियत हैं जैसे कि इसकी अलग तरह की आवाज, घोंसला बनाने की कला और एक अद्वितीय रंग और आकार जो कि इसे अन्य सांपों से अलग मुकाम में स्थान दिलाता है.

किंग कोबरा दुनिया का सबसे लम्बा ज़हरीला सांप है
किंग कोबरा दक्षिणी एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया (भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया आदि) में पाया जाता है. आमतौर पर १० फ़ीट से लेकर १३ फ़ीट तक लम्बा होता है लेकिन कभी-२ इससे ज्यादा लम्बा भी पाया जाता है. २० सदी के मध्य में ब्रिटेन के लंदन जू में एक किंग था जिसे कि मलेशिया में पकड़ा गया था. सिर से लेकर पूँछ की नोक तक यह किंग कोबरा 18 फुट 9 इंच लम्बा था. था न सच में किंग!

तकनीकी रूप से, यह “कोबरा” है ही नहीं
अपने नाम के बावजूद किंग कोबरा को वास्तव में कोबरा (नाग, English: Naja) प्रजाति का सांप नहीं माना जाता है. किंग कोबरा वास्तव में Ophiophagus प्रजाति का सांप है जो असली कोबरा प्रजाति से तकनीकी रूप से भिन्न है. अनुवांशिक प्रमाणों से पता चलता है कि यह विशाल सांप दरअसल असली कोबरा सांप के बजाये उप-सहारा अफ्रीका में पाए जाने वाले खतरनाक माम्बा सांप से अधिक मेल खाता है।

शरीर की बनावट के हिसाब से जो चीज़ किंग कोबरा को असली कोबरा से अलग करती है वो है इसका संकरा(narrow) फन. Naja प्रजाति के कोबरा का फन अधिक फैला हुआ होता है. किंग कोबरा का सिर इसके शरीर के अनुपात में लम्बा होता है, और इसकी गर्दन के आधार में दो फैले हुए शल्क(scales) होते हैं जो कि असली कोबरा में नहीं पाए जाते।
किंग कोबरा गुर्राता है
खतरे की स्थिति में यह अपने हुड यानी फन को फैला लेता है ताकि वह खुद को बड़ा दिखा सके और यह अपने आप को जमीन से 6 फीट तक ऊंचा उठा लेता है. कई बार यह अपनी आवाज से भी चेतावनी दे सकता है. अधिक खतरे की स्थिति में यह लम्बी सांस खींच कर उसे तेजी से अपने मुँह और नथुने से बाहर निकालता है जिससे एक भयभीत करने वाली भयंकर फुंफकार सुनाई देती है. सांपों के द्वारा की गयी सामान्य फुंफकार से बिलकुल अलग होती है.

इसका ज़हर तंत्रिका प्रणाली पर असर करता है
किंग कोबरा का ज़हर काटे गए जीव की तंत्रिका प्रणाली(nervous system) पर असर करता है जिससे शीघ्र बेहोशी, आखों की रौशनी धुँधलाना और शरीर को लकवा मारना जैसे प्रभाव दिखाता है. इसके एक दंश में लगभग 2 छोटे चम्मच ज़हर जितना ज़हर अपने शिकार के शरीर में छोड़ता है जो कि एक सामान्य व्यक्ति को 30 मिनट में और 5400 किलोग्राम वज़न के एक हाथी को 3 घंटे में मौत की नींद सुला सकता है.

यह ज्यादातर दूसरे सांपों को खाता है
असली कोबरा के भोजन में मुख्यत: मेंढक, छिपकलियां, टिड्डे, चूहे, पक्षी और मछली शामिल होते हैं. इसके विपरीत किंग कोबरा के भोजन का मुख्य भाग दूसरे सांप ही होते हैं. यह विष-रहित रैट-स्नेक (rat snake) से लेकर ज़हरीले क्रेटस, असली कोबरा की विभिन्न प्रजातियों और अपने ही प्रजाति के किंग कोबरा तक को अपना शिकार बनाते हैं. दरअसल इसकी प्रजाति Ophiophagus का अर्थ ही सांपों को खाने वाली प्रजाति होता है.

नर किंग कोबरा मादा के लिए लड़ते हैं

बहुत सारी अन्य पशुओं की तरह नर किंग कोबरा भी मादा किंग कोबरा के लिए झगड़ते हैं. वे एक दूसरे के सामने जमीन से 4-6 फुट तक खड़े हो जाते हैं और एक दूसरे पर लिपट कर, दूसरे को ज़मीन पर गिरा कर बाजी मारने की कोशिश करते हैं. हालाँकि ये एक दूसरे को डसते नहीं हैं क्योंकि इन पर एक दूसरे किंग के ज़हर का असर नहीं होता।

किंग कोबरा दिन के दौरान मुख्य रूप से सक्रिय होते हैं
जहाँ दूसरे सांप रात के समय अधिक सक्रिय होते हैं किंग दिन के समय सक्रिय होते हैं रात के समय विश्राम करते हैं

एकमात्र सांप जो घोंसला बनाता है
एक और जहाँ दूसरे सांप कहीं भी अंडे दे देते हैं, किंग कोबरा एक मात्र सांप है जो घोंसला बनाता है. मादा कोबरा को घोंसला बनाने में ही ३-४ दिन लग जाते हैं. मादा कोबरा इस घोंसले में २० -३० अंडे देती है और बिना कुछ खाये-पिए इन्हे अगले २-३ महीने तक सेकती है जब तक कि ये फूटने वाले नहीं हो जाते।

२० साल तक जीते हैं
देख-रेख और सुरक्षा में किंग कोबरा का औसत जीवनकाल १७.१ साल का है. एक किंग कोबरा की प्रमाणित आयु २२ साल रिकॉर्ड की गयी है.

अच्छे क्लाइम्बर्स और तैराक
किंग ऊंचाई पर चढ़ने में माहिर होते हैं. एक किंग कोबरा को एक पिट-वाईपर सांप का ६५ फ़ीट की खड़ी चढ़ाई पर पीछा करते देखा गया है. ये तैरने में भी माहिर होते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *