दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल लोग ऑनलाइन ज्यादा पेमेंट करने लगे हैं और उनके साथ ज्यादा फ्रॉड होने लगा है हाल ही में एक केस है जहां पर उनके सिम के साथ ही फ्रॉड करके उनके अकाउंट से नौ लाख रुपए खाली कर लिए गए यह कैसे संभव हुआ हम आपको बताने वाले हैं खाली तो आपको उसके बारे में बताते हैं. बता दें कि यह फ्रॉड सिम स्वैपिंग के द्वारा हुआ है उसमें सिम स्वैपिंग क्या होती है आपको बताते हैं हैकर खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताकर आपका 20 अंकों वाला सिम कार्ड नंबर लेता है इसके बाद किसी खास सर्विस के लिए आपको एक नंबर दबाकर रिप्लाई करने को कहा जाता है जैसी आपकी है नंबर दबाते हैं आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है. और यही से सिम स्वैप का डाटा गेम शुरू होता है ऐसे ही है कर लो आपका मोबाइल का नंबर है करके आपको ऑनलाइन फ्रॉड कर लेते हैं जैसे कि आप सभी जानते हैं कि सिम का भी डुप्लीकेट बनाया जाता है वैसे ही है हैकर सिम को हैकर उसकी डुप्लीकेट बना लेते हैं और उसका उपयोग ऑनलाइन फॉरवर्ड करने में करते हैं. ये सब कुछ होने में 2-3 घंटे का वक्त लगता है| उस बीच चालाक हैकर्स आपको लगतार कॉल करते हैं ताकि आप परेशान होकर या तो फोन बंद कर दें या फिर उसे म्यूट कर दें और आपको किसी तरह का कोई मैसेज अपने सर्विस प्रोवाइडर से न मिले| एक बार सिम स्वैप सक्सेसफुल हुआ तो फिर आपको वो कभी पता नहीं लगेगा| इस तरह के फ्रॉड में हैकर्स के पास आपका बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड नंबर पहले से होता है, जो वो फिशिंग के जरिए हासिल कर चुका होता है| बस जरूरत होती है तो ओटीपी की जो आपके सिम स्वैप करने से मिल जाता है| OTP हासिल होते ही आपकी मेहनत की कमाई मिनटों में उड़ जाती है| ये हैकर्स इतने चालाक होते हैं कि कई बार फोन करके तो ये आपको इतना परेशान कर देते हैं कि आप गुस्से में आकर फोन ही बंद कर देते हैं| इसी का वो इंतजार करते हैं ताकि पैसे उड़ाने पर आपके नंबर पर बैंक के मैसेज ना आएं| जिसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है. ठीक उसी समय हैकर्स के पास मौजूद आपके डुप्लीकेट सिम पर नेटवर्क आ जाता है| ध्यान रखें यदि कोई कस्टमर केयर आपके पास कॉल करता है तो और आपसे पूछता है अपना 20 नंबर का सिम नंबर बताइए तो आप उसे बिल्कुल मत बताइए सीधा आप अपने पास ही स्टोर पर जाकर उनसे पूछिए कि आपने इसके बारे में मुझसे ऑनलाइन पूछा है तभी या डाटा उनको शेयर करें अन्यथा आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है

कस्टमर केयर बनकर अकाउंट से उड़ाया 9 लाख रूपये, आपके सिम के साथ होता है ऐसे खिलवाड़ जानिए

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल लोग ऑनलाइन ज्यादा पेमेंट करने लगे हैं और उनके साथ ज्यादा फ्रॉड होने लगा है हाल ही में एक केस है जहां पर उनके सिम के साथ ही फ्रॉड करके उनके अकाउंट से नौ लाख रुपए खाली कर लिए गए यह कैसे संभव हुआ हम आपको बताने वाले हैं खाली तो आपको उसके बारे में बताते हैं.

बता दें कि यह फ्रॉड सिम स्वैपिंग के द्वारा हुआ है उसमें सिम स्वैपिंग क्या होती है आपको बताते हैं हैकर खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताकर आपका 20 अंकों वाला सिम कार्ड नंबर लेता है इसके बाद किसी खास सर्विस के लिए आपको एक नंबर दबाकर रिप्लाई करने को कहा जाता है जैसी आपकी है नंबर दबाते हैं आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है.

और यही से सिम स्वैप का डाटा गेम शुरू होता है ऐसे ही है कर लो आपका मोबाइल का नंबर है करके आपको ऑनलाइन फ्रॉड कर लेते हैं जैसे कि आप सभी जानते हैं कि सिम का भी डुप्लीकेट बनाया जाता है वैसे ही है हैकर सिम को हैकर उसकी डुप्लीकेट बना लेते हैं और उसका उपयोग ऑनलाइन फॉरवर्ड करने में करते हैं.

ये सब कुछ होने में 2-3 घंटे का वक्त लगता है| उस बीच चालाक हैकर्स आपको लगतार कॉल करते हैं ताकि आप परेशान होकर या तो फोन बंद कर दें या फिर उसे म्यूट कर दें और आपको किसी तरह का कोई मैसेज अपने सर्विस प्रोवाइडर से न मिले|
एक बार सिम स्वैप सक्सेसफुल हुआ तो फिर आपको वो कभी पता नहीं लगेगा|
इस तरह के फ्रॉड में हैकर्स के पास आपका बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड नंबर पहले से होता है, जो वो फिशिंग के जरिए हासिल कर चुका होता है|
बस जरूरत होती है तो ओटीपी की जो आपके सिम स्वैप करने से मिल जाता है|
OTP हासिल होते ही आपकी मेहनत की कमाई मिनटों में उड़ जाती है|
ये हैकर्स इतने चालाक होते हैं कि कई बार फोन करके तो ये आपको इतना परेशान कर देते हैं कि आप गुस्से में आकर फोन ही बंद कर देते हैं|

इसी का वो इंतजार करते हैं ताकि पैसे उड़ाने पर आपके नंबर पर बैंक के मैसेज ना आएं|
जिसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है. ठीक उसी समय हैकर्स के पास मौजूद आपके डुप्लीकेट सिम पर नेटवर्क आ जाता है|
ध्यान रखें यदि कोई कस्टमर केयर आपके पास कॉल करता है तो और आपसे पूछता है अपना 20 नंबर का सिम नंबर बताइए तो आप उसे बिल्कुल मत बताइए सीधा आप अपने पास ही स्टोर पर जाकर उनसे पूछिए कि आपने इसके बारे में मुझसे ऑनलाइन पूछा है तभी या डाटा उनको शेयर करें अन्यथा आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है

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