करोना के बीच आई एक और मुसीबत टिड्डियां के बाद आया यह संकट मचा हाहाकार

चीन के बाद, भारत सबसे बड़ा चाय का एक्सपोर्ट करने वाला देश आता है। इसमें सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य असम। पिछले साल 140 करोड़ किलो के आसपास चाय का उत्पाद पूरे भारत देश में हुआ था जिसमे से 80 से 90 करोड़ किलो का उत्पाद सिर्फ असम राज्य हुआ था। परंतु इस बार ता तापमान अधिक होने की वजह से उत्पाद में कमी आई है। तापमान का उत्पाद से क्या संबंध है यह भी समझिये।, 

चाय के पत्तों की एक जाति विशेष अवस्था होती है की चाय का उत्पादन ऐसा 12 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच में ही होना चाहिए अगर यदि इससे ऊपर का वातावरण तापमान पहुंचता है तो चाय का उत्पात कम हो जाता है और इसीलिए चाय का उत्पाद हमेशा पहाड़ों पर किया जाता है क्योंकि वहां पर मौसम इतना ज्यादा कर्म नहीं होता लेकिन इस वर्ष तापमान औसतन 32 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास है।

इसी वजह से चाय के उत्पाद में कमी आई है अब यह तो  कम वजह थी, जो इसमें रेड  स्पाइडर माइट भी आ गया। रेड स्पाइडर माइट उस जीव को कहते हैं उसकी प्रजाति तो कीड़े की हो, पर उसमें मकड़ी जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाए और यह कीड़े चाय के बागान में एक पेड़ से दूसरे पर जाले को लगा कर पेड़ को स्थिर बना देते हैं और इनके पत्तियों पर रहने पर चाय की पत्तियां जहरीली और सफेद धब्बेदार हो जाती हैं।

अब यदि आपको ना पता हो तो मैं बता दूं कि चाय की पत्तियां की खुशबू को बरकरार रखने के लिए उन पर कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जाएगा तो भारत द्वारा उत्पाद की गई चाय की बिक्री बाहरी देश में नहीं होगी क्योंकि विदेशों में चाय की खुशबू को विशेष महत्व दिया जाता है। यही कारण है  जहां पर 80 से 90 किलो करोड़ का उत्पादन हुआ करता था इस वर्ष मात्र 12 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हो पाएगा।

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