एलआईसी के आने वाले आईपीओ में निवेश करना कितना सुरक्षित होगा?

बहुत सरल उत्तर यह होगा कि उम्मीद यह है कि आई पी ओ बहुत बड़ा होगा जिसका अर्थ यह भी निकलता है कि अगर आईपीओ में अधिकतर लोगों को अपने मन मुताबिक अलॉटमेंट मिल जाता है तो बाद ने शेयर खरीदने की बहुत ज्यादा मारा मारी नहीं होगी. कुछ हद तक यह भी बहुत महत्वपूर्ण होगा कि इश्यू प्राइस क्या होता है.

अगर प्राइवेट इन्शुरेंस कम्पनियों के समान पी ई रेशो पर इश्यू होता है तो संभवतया बाद में दाम गिरेगा क्योंकि कुछ भी ही सरकारी कंपनियों की गुणवत्ता प्राइवेट कम्पनियों से कम होती है. फाइनेंशियल सेक्टर में सरकारी और प्राइवेट बैंकों के अंतर देखने से ही यह बात साफ हो जाएगी.

अगर रेट सही है तो खरीदना बनता है वरना कुछ समय रुककर जब बाज़ार में भाव स्टेबल हो जाए तब खरीदना अच्छा रहेगा. सरकारी आईपीओ का रिकॉर्ड मिक्सड रहा है. उदाहरण के तौर पर एसबीआई के आईपीओ में निवेश करने वालों को फायदा ही है पर आईडीबीआई के आईपीओ में निवेशक ने शायद कुछ नहीं कमाया. यूं तो एल आई सी बहुत बड़ी बीमा कंपनी है और हर साल प्रीमियम भी बहुत आता है पर सच यह भी है कि नए प्रीमियम में उसका मार्केट शेयर लगातार गिर रहा है.

हो सकता है यह सुरक्षित निवेश होगा पर क्या यह बहुत अच्छा निवेश होगा यह सोचने वाली बात है. सोचने वाली बात यह भी है कि नए आयकर प्रावधान में सरकार ने 80 सी की छूट हटाने का प्रयोग भी किया है हालांकि करदाता को नए या पुराने प्रावधानों में किसी एक को चुनने की छूट दी है मगर फिर भी इससे जीवन बीमा कराने वाले लोगों में कमी तो आयेगी.

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