एडवोकेट और लॉयर में क्या अंतर है?

लॉयर शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जो या तो लॉ की शिक्षा पूरी कर चुका हो परंतु उसने बार कॉन्सिल में अपना रजिस्ट्रेशन ना कराया हो, या उसने लॉ की शिक्षा प्राईवेट रहकर यानी कि डिस्टेंस एजुकेशन से प्राप्त की हो और लॉ का पूरा ज्ञान होने के बाद भी अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व कोर्ट में नही कर पाता हो।

वही एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जिसने लॉ की शिक्षा रेगुलर माध्यम से पूरी करी हो तथा उसके बाद AIBE का एग्जाम पास क्या हो तथा ऑल इंडिया बार एसोसिएशन का मेंबर हो तथा कोर्ट में अपने क्लाइंट का मुकदमा लड़ सकता हो।

दोनो के बीच एक और पहचान है जो देखकर ही समझ सकते है कि वो एडवोकेट है या नही। वो है एडवोकेट के गले में बांधे जाने वाला बैंड , वो बैंड केवल एडवोकेट ही बांध सकते है लॉयर नही।

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