एक ऐसे देश के बारे में जहाँ लोगो का मरना मना है,जो मार देता है उसके साथ किया जाता है कुछ ऐसा

1 ) लॉन्गइयरबेन, नॉर्वे (Longyearbyen – Norway)

उत्तरी ध्रुव के पास एक देश है नॉर्वे। इस देश में आधी रात को भी सूर्य चमकता है। इसलिए इसे ‘लैंड ऑफ द मिडनाइट सन’ भी कहा जाता है लेकिन इसी नॉर्वे में एक छोटा सा शहर है लॉन्गइयरबेन। यह बहुत हीं खुबसूरत शहर है लेकिन इस शहर की सबसे खास बात ये है कि यहाँ मरने की आजादी नहीं है। लॉन्गेयरबेन में मौत पर पाबंदी वहाँ के प्रशासन ने ही लगाया है। ये पाबंदी क्यों लगाई गई है, ये अगर आप जानेंगे तो आप भी इस प्रतिबंध का समर्थन करेंगे।

उत्तरी ध्रुव के बिल्कुल नजदीक होने के कारण इस आइलैंड पर खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है। सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान इतना कम हो जाता है कि जिंदगी मुश्किल हो जाती है। इस शहर की आबादी करीब 2000 है लेकिन प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाए जाने के बाद पिछले 70 सालों से इस शहर में कोई मौत नहीं हुई है।

दरअसल, यहां पड़ने वाली कड़ाके की ठंड की वजह से यहां डेड बॉडी सालों तक ज्यों की त्यों पड़ी रहती है। ठंड की वजह से वह न गलती है और न ही सड़ती है और यही वजह कि कई सालों तक डेड बॉडी वैसे का वैसा ही रह जाता है।

साल 1917 में एक शोध कार्य के लिए जब एक कब्रिस्तान से एक शव को निकाला गया। उस व्यक्ति की मृत्यु इनफ्लुएंजा वायरस से हुई थी। परीक्षण के दौरान डॉक्टर्स ये देख कर हैरान रह गए उस शख्स की मौत के बाद भी उसके डेड बॉडी में इनफ्लुएंजा के वायरस जस के तस पड़े थे। यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि इनफ्लुएंजा एक खतरनाक वायरस है। इस वायरस के कारण इंसान पहले बुखार की चपेट में आता है और वह बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है। और कई बार उसकी मौत हो जाती है।

इस खतरनाक वायरस के मिलने के बाद वहाँ के प्रशासन ने इस शहर में नो डेड पॉलिसी लागू कर दी। उसके बाद जब भी यहां कोई मरने वाला होता है या कोई इमरजेंसी आती है, तो उस व्यक्ति को हेलिकॉप्टर से देश के दूसरे इलाके में ले जाया जाता है, और मरने के बाद वहीं पर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।

2) सरपौरेक्स, फ्रांस

फ्रांस का एक खूबसूरत शहर है सरपौरेक्स, लेकिन यहाँ भी किसी को मरने की इजाज़त नहीं है और इसके पीछे कारण है यहाँ कब्रिस्तान के बढ़ने पर रोक लगना। यहाँ डेड बॉडी को दफ़नाने के लिए कब्रिस्तान में जगह नहीं बची है जिस कारण यहाँ की सरकार ने ये कानून बना दिया कि ना तो कब्रिस्तान का विस्तार किया जायेगा और ना ही यहाँ किसी को मरने की इजाज़त दी जाएगी। यहाँ भी मरने के लिए लोग फ्रांस के दूसरे शहरों में जाते हैं।

3) बिरिटिबा-मिरिम (Biritiba-Mirim), ब्राजील

पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए, ब्राज़ील के इस शहर के मेयर ने 2005 में एक पब्लिक बिल पास कर दिया जिसके तहत पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए, इस शहर के लोगों के यहाँ मरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यहाँ भी अपनी मौत नजदीक देख कर लोग दूसरे शहरों में चले जाते हैं।

4) ले लवेंडौ (Le Lavandou), फ्रांस

फ्रांस के इस शहर में भी मरने की अनुमति नहीं है। इसका कारण ये है कि जब यहाँ के मेयर को समुद्र किनारे कब्रिस्तान बनाने की अनुमति नहीं दी गयी तो उन्होंने एक बिल पारित करके यहाँ के निवासियों के मरने पर रोक लगा दी। यहाँ मरने वाले लोगों को उनके पैतृक स्थान ले जाया जाता है।

5) इत्‍सुकुशिमा, जापान (Itsukushima)

जापान के इस द्वीप पर 1878 के बाद से जन्म और मृत्यु पर प्रतिबन्ध है। इस द्वीप को शिंटोज्मि धर्म में सबसे पवित्र स्‍थान माना जाता हैं और इसकी पवित्रता बनी रहे, इसके लिए इस धर्म के अनुयायी ये प्रबंध करके रखते हैं कि यहाँ किसी की मृत्यु न हो।

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