ईसबगोल खाने के फायदे क्या हैं और इसे कैसे खाएं?
पेषाब की जलन:
एक गिलास पानी में 4 चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाकर उबालें, फिर ठंडाकर उसे छान लें और स्वादानुसार मिसरी मिलाकर पीने से पेशाब की जलन, दाह दूर होकर भरपूर पेशाब होता है।
कब्ज:
एक से दो चम्मच की मात्रा में ईसबगोल की भूसी एक कप गर्म दूध के साथ सोते समय सेवन करें।
आंव, दस्त, मरोड:
एक से दो चम्मच की मात्रा में ईसबगोल की भूसी दही के साथ दिन में 3 बार लें।
अमीबिक पेचिस:
100 ग्राम ईसबगोल की भूसी में 50-50 ग्राम सौंफ और मिसरी मिलाकर, 2-2 चम्मच की मात्रा में रोजाना 3 बार सेवन करें।
आमातिसार, रक्तातिसार:
उपरोक्त प्रयोग दही के साथ सेवन करें।
कांच खाने पर:
ईसबगोल की भूसी 2 चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन कराना लाभदायक होता है। प्रयोग दिन में 3-4 बार दोहराएं।
जोडों के दर्द:
ईसबगोल की पुल्टिस पीडित जोड पर बाधें।
पायोरिया:
सिरके में ईसबगोल मिलाकर दांतो पर नियमित रुप से मलें।
दमा में:
ईसबगोल की भूसी एक एक चम्मच दूध के साथ सुबह शाम नियमित रुप से कुछ माह सेवन करें।
स्वप्नदोश:
ईसबगोल और मिसरी बराबर मिलाकर एक एक चम्मच एक कप दूध के साथ सोने से एक घंटा पूर्व लें और सोते समय मत्र त्याग कर सोएं।
हानिकारक प्रभाव:
ईसबगोल प्रसूता के लिए विशेष रुप से हानिकारक है। इसे कूटने से विष प्रभाव पैदा होता है। अतः बीजों को साबुत ही निगलना चाहिए।