इंदिरा गांधी ने मुस्लिम व्यक्ति से शादी क्यों की? क्या वह प्रेम विवाह था? जानिए वजह
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फिरोज़ जहांगीर (बाद में फिरोज़ गांधी) एक गुजराती पारसी थे जिनका जन्म मुम्बई में जहांगीर फरदून के घर हुआ था |
इंदिरा गांधी ने पिता जवाहरलाल नेहरू की मर्जी के खिलाफ फिरोज गांधी से हिंदू धर्म और वैदिक रीति रिवाज़ों के साथ शादी की थी, पिता जवाहर लाल नेहरू बेटी इंदिरा और फिरोज की शादी से खुश नहीं थे, अपने दामाद के साथ जवाहर लाल नेहरू के अच्छे संबंध नहीं रहे थे |
उस समय बहुत से हिंदू कट्टरपंथी एक ब्राह्मण लड़की और पारसी लड़के की शादी के विरोध में थे |
महात्मा गांधी के वजह दोनों की शादी इलाहाबाद में हुई थी और गाँधी जी ने ही फिरोज को अपना सरनेम गाँधी प्रदान किया था। तब से आगे फिरोज, गाँधी सरनेम ही इस्तेमाल करने लगे |
शादी के बाद जब इंदिरा राजनीति में सक्रिय होने लगीं और पति को छोड़ पिता के पास जाकर रहने का फैसला लिया था तो फिरोज़ गांधी और इंदिरा गांधी के बिच रिश्ता कमजोर पड़ने लगा था |
फिरोज की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से किया गया था , उनके पुत्र राजीव गांधी ने उन्हें मुखाग्नि दी थी और उनके अवशेषों को पारसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था |