इंदिरा गांधी को क्यों मारा, कोई राज बता सकते हैं?

दमदमी टकसाल के प्रमुख और धर्म युद्ध मोर्चा के अध्यक्ष जरनैल सिंह भिंडरवाले,जिसने आकाल तख्त,स्वर्ण मंदिर,अमृतसर में घुस कर कब्जा कर लिया और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने लगा और उसे इंदिरा द्वारा दिये गए आदेश के पश्चात ऑपेरशन ब्लू स्टार चला कर सेना द्वारा मार दिया गया।

अकाल तख्त ने उसे शहीद घोषित किया और सेना ने ऑपेरशन को अंजाम देते समय जूते पहन कर स्वर्ण मंदिर में प्रवेश किया और गोलीबारी की जिससे अकाल तख्त क्षतिग्रस्त हो गया और मंदिर में गोलियों के निशान पड़ गए।इससे सिखों में इंदिरा के प्रति बहुत ज्यादा रोष उत्पन्न हुआ और पंजाब के लोग हमलावर स्थिति में आ चुके थे।

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचित भी किया था कि इंदिरा की जान को खतरा है और उनकी सुरक्षा से सिख दस्ता हटाने की मांग की परंतु इंदिरा ने इस मांग को यह कहकर ठुकरा दिया कि इससे विपक्ष को आरोप लगाने का बहाना मिल जाएगा, समाज मे उनके खिलाफ विश्वास भी घटेगा और सिख और भी क्रोधित हो उठेंगे।

इसके बाद 31 अक्टूबर 1984 को सुबह 9:29 बजे उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी।बेअंत सिंह को वहीं मार गिराया गया और सतवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया।इंदिरा को एम्स पहुंचाते समय रास्ते मे ही उनकी मृत्यु हो गयी परन्तु इसे 14:20 बजे दोपहर में जनता को बताया गया।

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