आपका परिवार टैक्स बचाने में हो सकता है बड़ा मददगार,जानिए कैसे
आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में ज्यादातर करदाता टैक्स बचाने के लिए गुणा भाग करने लगते हैं और किसी परिचित या विशेषज्ञ से चर्चा करते हैं। हालांकि, आखिरी वक्त पर टैक्स बचाने के सीए कीर्ति जोशी लिए बहुत कुछ रह नहीं जाता। वहीं, यदि हम पहले से प्लानिंग करें तो टैक्स बचाने में हमारा परिवार ही हमारी बड़ी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कि टैक्स बचाने में हम परिवार की मदद कैसे ले सकते हैं..
माता या पिता को उनके मकान में रहने के लिए किराए का भुगतान
वेतनभोगी करदाता माता या पिता को किराए का भुगतान कर उसे मिलने वाले मकान किराए भत्ते पर आयकर में कटौती का दावा कर सकते हैं। यदि माता पिता की आय टैक्स लिमिट में नहीं आती है तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। यदि मकान किराया सालाना एक लाख क्लेम कर रहे हैं तो उनका पैन नंबर अपने नियोक्ता को देना होगा।
अपने माता-पिता अथवा बालिग हो चुके बच्चों के नाम पर निवेश
यदि कोई माता-पिता या बालिग बच्चों के नाम से निवेश करता है तो उस निवेश से होने वाली आय पर कॉलिंग का प्रावधान नहीं लगता। निवेश से आय पर टैक्स उस व्यक्ति को देना होगा, जिसके नाम निवेश है। ऐसे में यदि पैरेंट्स वरिष्ठ नागरिक हैं तो उन्हें सेविंग खाते या एफडी से मिलने वाले ब्याज पर 50 हजार तक की कटौती भी मिलेगी।
पत्नी के गहने खरीद उस पैसे से पत्नी के नाम पर कमाऊ संपत्ति खरीदना
यदि आपकी पत्नी के पास गहने हैं तो उसे पत्नी से खरीद लें। अब अगर इस राशि से पत्नी कोई दुकान या मकान लेती है, तो इस संपत्ति से भविष्य में होने वाले किराए की आमदनी पर आपकी पत्नी को टैक्स देना होगा न कि आप को। यह टैक्स भी तब देना होगा, जब उनकी आय आयकर के दायरे में आती हो।