आज तक का सबसे ज्यादा खतरनाक ज़हर कौन सा है? जानिए
दुनिया का सबसे खतरनाक जहर पोलोनियम210 है। पोलोनियम को शुरुआत में ‘रेडियम एफ’ नाम दिया गया था और इसकी खोज मशहूर वैज्ञानिक और नोबल पुरस्कार विजेता दंपति मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने सन् 1898 में की थी। मैरी क्यूरी मूलतः पोलैंड की निवासी थीं और जब पोलोनियम की खोज हुई थी तो उस समय पोलैंड, रूस, पुरुशियाई, और आस्ट्रिया के कब्ज़े में था। इसलिए मैरी क्यूरी ने सोचा कि अगर इस तत्व का नाम उनके देश पोलैंड के नाम पर रख दिया जाएगा तो शायद दुनिया का ध्यान पोलैंड की गुलामी की ओर जाएगा। इस कारण इस नए खोजे गए तत्व का नाम ‘रेडियम एफ’ से बदलकर पोलैंड के सम्मान में ‘पोलोनियम’ रखा और प्रथम विश्व युद्ध के बाद सन् 1918 में पोलैंड एक आजाद देश बन गया।
हमारे शरीर की पोलोनियम 210 को बर्दाश्त करने की अधिकतम सीमा 0.03 माइक्रो क्यूरी है। इसका मतलब हुआ कि एक ऐसा कण जिसका वजन 6.8×10-12 ग्राम हुआ। अगर वजन के अनुसार लें तो पोलोनियम 210, हाइड्रोसाइनिक एसिड (साइनाइड जो सबसे घातक जहर माना जाता है) से 2.5X10 के पावर 11 गुना (यानी खरबों गुना) ज्यादा विषाक्त है।
पोलोनियम का जहर के रूप में पहली बार उपयोग एलेक्जैंडर लिट्विनेनको पर ही किया गया है, पर पोलोनियम की विषाक्तता की पहली शिकार थी, 1950 के दशक में ईरीन ज्यूलियट क्यूरी (मैडम क्यूरी की नोबल पुरस्कार विजेता बेटी) जो पोलोनियम के एक बार के सेवन में ही जीवन से हाथ धो बैठी थी।