आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन में नॉन रिमूवेबल बैटरी क्यों आ रहे है?
यह परिवर्तन 2014 के आसपास से आना शुरू हुआ । सैमसंग के फोन में गैलेक्सी S6 मॉडल में पहली बार यह परिवर्तन देखने को मिला था हालांकि एप्पल काफी पहले से ही फिक्स्ड बैटरी प्रयोग करता रहा है।
नॉन रिमूवेबल या बिल्ट इन या फिक्स्ड बैटरी को मोबाइल से हटाना काफी मुश्किल कार्य है असंभव नहीं क्योंकि सर्विस सेंटर या दुकान में भी अंततः इन्हें हटाकर ही नई बैटरी लगाई जाती है। बैटरी लगाने के लिए एडहेसिव का प्रयोग, स्पेशल टूल की जरूरत एवं मोबाइल के कल पुर्जों के बीच बैटरी लगे होने के कारण इन फोनों में बैटरी बदलना काफी मुश्किल कार्य हो जाता है। इसके निम्नलिखित फायदे हैं
- फोन की सीलिंग (Sealing) काफी बेहतर हो जाती है -क्योंकि पीछे का स्लाइड/पुश बैक कवर हट जाता है। इस कारण आईपी 68 रेटिंग (1 मीटर से ज्यादा गहरा पानी से भी बचाव ) का भी मोबाइल अब उपलब्ध है जबकि पहले IP 63 रेटिंग (पानी स्प्रे) भी उपलब्ध नहीं था। सारांश यह कि धूल और पानी से मोबाइल का बेहतर बचाव उपलब्ध है।
स्लाइड/पुश बैक कवर जब फिट होता था तो उसके लिए अतिरिक्त जगह छोड़नी पड़ती थी ,सो उसके हट जाने के कारण फोन अब ज्यादा पतला और हल्का हो पाया है।
- फोन गिरने पर पर बैटरी के अलग होने की संभावना बिल्कुल ही खत्म हो गई ।
- फोन डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता – पहले फोन डिजाइन में यह ध्यान रखना पड़ता था कि बैटरी सबसे अंत में रहे ताकि उसे आसानी से निकाला जा सके लेकिन अब ऐसे किसी भी बंदिश के ना होने के कारण फोन के डिजाइन में बहुत ज्यादा स्वतंत्रता डिजाइनर को मिल गई है जिस कारण फोन में और भी ज्यादा फीचर्स दिए जा सकते हैं , और भी ज्यादा कल पुर्जे फिट कर।
- बैटरी डिज़ाइन में ज्यादा स्वतंत्रता और ज्यादा शक्तिशाली बैटरी – पहले जब बैटरी को हटाने की स्वतंत्रता थी तब बैटरी की डिजाइन केवल चौकोर रखना निहायत ही जरूरी था लेकिन इस बाध्यता के खत्म हो जाने से हर तरह की बैटरी यानी curve वाली बैटरी या L आकार की बैटरी संभव हो पाई है जिसमें बैटरी की क्षमता और आयु दोनों ही बढ़ गई है।