आखिर मोदी सरकार “निजीकरण” को क्यों बढ़ावा दे रही है, इसके पीछे क्या मकसद है? जानिए
निजीकरण भारत कि दिशा और दशा दोनो को बदल देगा अगर भारत की जनता दीर्घ रूपी आयामों को समझेगी। इस स्वर्णिम बदलाव में खिंचा तानी राजनीति के लकड़पेंच से सनी हुई है क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
इस बदलाव का प्रभाव यह साबित कर देगा कि भाजपा एक दूरदर्शी पार्टी है और वोटर के दिमाग़ पर बोझा हुआ तथ्य कांग्रिस को कमजोर करेगा। कांग्रिस ने यह साबित किए हुए था कि गरीब, पिछड़ा चाय वाला सत्ता के किमियों को नहीं समझ पाएगा। निजीकरण देश के लिए आने वाले युग में सहायक होगा।
एक अच्छा उदाहरण या हों सकता है कि भारत के कृषि बिचौलिये फसल का काला बाज़ारी करते है और कृत्रिम माँग बढ़ाते और घटाते है। निजीकरण से डेटा real time और सही हो सकती है और उससे किसानों, मज़दूरों, आम जनता को सही जानकारी मिलेगी। सही सूचना हीं आने वाले समय कि माँग होगी और राजनीति भी प्रभावित होगी इन सब बदलावों से