आखिरकार ये ग्लेशियर टूटते क्यों हैं? जानिए वजह

ग्लेशियर टूटते नही है वो तोड़ दिए जाते हैं | जिस कद्र दुनिया में ग्लोब्ल् वार्मिंग के वजह से मौसम में बदलाव हुए तो बड़ा कारण है प्राकृतिक उथल पुथल का | पिछले कुछ दशको में जितनी बाढ़ तूफ़ान, भूकम्प, ज्लावाऊ परिवर्तन व अनेको तरह के विश्व में प्राकृतिक रूप से परिवर्तन हुए उससे सिद्ध है विश्व में ग्लोब्ल् वार्मिंग मुख्य वजह है | प्रकृति का निरंतर शोषण अपने स्वार्ध के लिए ये दुखदाई है |

प्रकृति ने जिस तेजी से अपना रुख बदला है आज वो सिद्ध है प्रकृति अपना बदला ले रही है | जब हम उसके साधनों को नियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से प्रयोग कर रहे है उसी दिन से प्रकृति हम पर बहुत गुस्सा है | प्रकृति को स्वच्छ व साफ़ रखने का भी हमारे पास कोई विकल्प नही है | कुछ मुहीम जिसमे प्रकृति को साफ़ सफाई रख रखाव का खयाल रखा उन्ही कुछ लोगो के कारण प्रकृति आजतक हमे सबकुछ दे रही है | अधिंकाश लोग स्वार्ध वश ही प्रकृति का प्रयोग कर रहे है |

जितने भी दुनिया में लोग है सबका केवल एक ही नारा है मेरा मेरा | निरंतर बदलता परिवेश हमे आगाह कर रहा है प्रकृति बहुत ज्यादा गुस्से में है | हमे सचेत हो जाना चहिये अपने प्रति भी की हम प्रकृति को अपने प्रति व स्वार्ध के प्रति न प्रयोग कर इसको आदर्श तरीके से प्रयोग करे | जिससे हम प्रकृति के अनेको दुष्प्रभाव से बच सकते है | प्रकृति की जो सेवा करते है उनको प्रकृति की मदद अवश्य मिलती हैं | आप इसे थोडा देंगे ये आपको बहुत करके देगी | ये नियम प्रकृति का है | जिस तेजी से शोषण हो रहा है क्या आपको नही लगता प्रकृति इसके बदले कई गुना करके हमे वापस देगी | विचार करिये |

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