अब्राहम लिंकन के राष्ट्रपति बनने में क्या उनकी दाढ़ी का भी अहम योगदान था? जानिए इसके बारे में

12 फरवरी !!! यूँ तो ये एक तारीख भर है मगर तारीखें अक्सर अपने साथ इतिहास बनाती चली जाती हैं. इसी तारीख को 1809 में जन्म हुआ इंसानी रूप में एक ऐसे फरिश्ते का जिसने आगे चल कर ना सिर्फ़ अमरीका को बल्कि पूरे विश्व को अपने विचारों से झकझोर दिया था. अब्राहम लिंकन !! घोर ग़रीबी, मुसीबतें, विपरीत परिस्थितियाँ, असफलताएँ और इन सब को पराजित करते हुए उनका राष्ट्रपति बनना दुनिया भर के लिए एक मिसाल है.

उनका संघर्ष और उनके विचारों के अलावा जो चीज़ सबसे ज़्यादा चर्चित रही थी वह थी उनका असामान्य बदसूरत सा चेहरा. उनके विरोधी भी चुनावी रैलियों मे उनके चेहरे का बहुत मज़ाक उड़ाते थे. इलिनोय स्टेट चुनावी डिबेट में तो उनके विरोधी स्टीफ़न डगलस ने उन्हे बंदर तक कह दिया था. करीब हरेक रैली में डगलस उनके बदसूरत चेहरे पे तंज़ कसते थे और जब लिंकन ये चुनाव हार गये थे डगलस ने यहाँ तक कह दिया कि जनता इतने बदसूरत आदमी को कभी नहीं चुनेगी.

आज उनके जन्मदिवस के अवसर पे मैं उनके चेहरे और उनकी दाढ़ी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा साझा कर रहा हूँ जो कम प्रचलित है. करीब सोलह साल की उमर पे लिंकन नाव चला के अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते थे, उन दिनो कुछ लुटेरों ने उनकी नाव पे हमला कर दिया और लिंकन नाव में रखे सामान की रक्षा करते हुए घायल हो गये, तभी से उनकी दाईं आँख के नीचे एक चोट का भद्दा निशान उनके चेहरे पे जीवन भर के लिए बन गया.

1860 तक लिंकन दाढ़ी नहीं रखते थे, वो क्लीन शेव रहते थे जिसकी वजह से उनका चेहरा काफ़ी भयानक सा प्रतीत होता था. 1860 के आसपास जब लिंकन राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे थे तब एक ग्यारह साल की लड़की ग्रेस बडेल ने लिंकन को खत लिखा और विनती की कि वह दाढ़ी बढ़ा लें. क्योंकि लिंकन का चेहरा बदसूरत सा था वो क्लीन शेव लुक में बहुत खराब दिखाई देते थे. इस घटना के २ महीने के अंदर ही लिंकन ने दाढ़ी बढ़ा ली थी और वो राष्ट्रपति चुनाव भी जीते थे. आगे चल कर ये दाढ़ी बहुत ज़्यादा चर्चित रही और करीन लाखों अमरीकियों ने उनकी दाढ़ी की नकल की.

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