अगर चलती हुई ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा? जानिए
पहले ऐसा हो चुका है।
अक्सर मालगाड़ियों के ड्राइवर ऐसा कर लिया करते थे क्योंकि उन्हें मालूम होता था कि उन्हें अब जहाँ जाना हैं वह स्टेशन दो-तीन घंटे बाद आयेगा, तब तक इंजन में वे आराम फ़रमा लिया करते थे।
इस बात का पता बीच वाले स्टेशन-स्टाफ़ को चल जाता था। वे रुकने का सिग्नल दिया करते थे और रेलगाडी बिना रुके चलती रहती थी। तब स्टेशन स्टाफ़ को न चाहते हुए भी दुर्घटना से बचने के लिये लाइन क्लियर करना पड़ता था।
इससे निजात पाने के लिये इंजन में ही एक ऐसी डिवाइस लगाई जाने लगी जिसे थोड़ी-थोड़ी देर में दबाना पड़ता है। न दबाने पर रेलगाडी कुछ दूर जाकर स्वत: रुक जायेगी। अब इंजन का ड्राइवर जागते रहने के लिये विवश है।