अकबर ने जीवन भर अपनी बेटियों को रखा था कुंवारी, वजह जान रह जाएंगे दंग

भारतीय इतिहास में अकबर को किसी ने क्रूर, किसी ने सनकी तो किसी ने हिंदू विरोधी शासक जैसे शब्दों से सम्बोधित किया है। आज हम आपको अकबर से जुड़े कुछ ऐसा जरूरी तथ्य बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप शायद ही जानते हों।

इतिहास में अकबर को बेशक बहुत सारे नामों से जाना जाता हो लेकिन अपनी निजी जिंदगी में अकबर सचमुच में एक महान शासक रहें हैं जिन्होनें भारत वर्ष की उन्नति में अपनी सारी ताकत झोंक दे थी।

तो आईये जानते हैं की आखिर अकबर ने कौन से ऐसे काम किये जिसके बिनाह पर उन्हें लोग अलग अलग नामों से जानते हैं।

ये थी वजह।

बहुत ही कम लोग ये बात जानते हैं की अकबर की तीन बेटियां थी जिनको अकबर ने आपने जीते जी कुंवारी रखा।

अकबर के लिए अपना आन मान शान को बरक़रार रखना बेहद जरूरी था और बेटी की शादी में पिता को सर झुकाना पड़ता है इसलिए उन्होनें कभी भी अपनी बेटियों को कुंवारी रखा.

अकबर द्वारा चलाये गए इस परम्परा को आगे चलकर शाहजहां, जहांगीर और औरंगजेब ने भी जिन्दा रखा और उन्होने ने भी कभी अपनी बेटियों की शादी नहीं की और कुंवारी रखा.

मुग़ल इतिहास में अकबर को सबसे ज्यादा योग्य शासक माना गया है जो किसी भी हाल में अपने गरूर और शान से समझौता नहीं करता था और इसी वजह से उन्होनें कभी भी अपनी बेटियों की शादी नहीं करवाई।

किन्नरों की फ़ौज

अकबर अपनी बेगमों कक्ष में किसी भी मर्द का प्रवेश हराम मानते थे इसलिए उन्होनें अपने सभी बेगमों की सुरक्षा के लिए खासतौर पर किन्नरों की फ़ौज रखी थी जो उनकी बेगमों की सेवा में दिन रात लगे रहते थे।
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर में भी जोधा बाई के सतह हमेशा एक किन्नर को दिखाया गया है जो उनकी खिदमत में लगा रहता था।
जोधाबाई के अलावा अकबर की सभी पत्नियां मुस्लिम थीं, इकलौती जोधाबाई ही उनकी हिन्दू बेगम थीं जिन्हें वो सबसे ज्यादा प्रेम करते थे।

अकबर का दाह संस्कार

अकबर को कुछ लोग हिन्दू विरोधी बादशाह के रूप में जानते थे और औरंगजेब भी अकबर के पद चिन्हों पर चलने वाला शासक था जिसने हिन्दुओं के प्रति बहुत ही क्रूरता दिखाई थी।
औरंगजेब की इसी क्रूरता से परेशान होकर एक हिन्दू शासक ने औरंगजेब से बदला लेने की ठानी थी और उसने इसलिए अकबर की कब्र खुदवाकर उसमे से अकबर की हड्डियां निकलवा कर उसका दाह संस्कार करवाया था।

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