अंधक की उत्पत्ति कैसे हुई थी? जानिए
भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है, भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं. अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है, सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव को ही माना जाता है.
भगवान शिव को सबसे रहस्यमय माना जाता है. ऐसा ही एक रहस्य है उनके पांच पुत्रों का, जिसके बारे में लोग कम ही जानते हैं. भगवान कार्तिकेय और गणेश जी को भगवान शिव के पुत्रों के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव के 3 पुत्र और भी थे.
एक बार भगवान शिव और पार्वती प्रेमक्रीडा में मग्न थे. देवी पार्वती ने भगवान शिव की आंखें मूंद दी इससे सृष्टि में अंधकार छा गया और भगवान शिव का शरीर तेज से गर्म होने लगा तभी शिव जी के शरीर से गिरे पसीने की बूंद से एक अंधा बालक प्रकट हुआ. जन्म से अंधा होने की वजह से यह अंधक कहलाया.
बाद में हिरण्याक्ष नामक असुर की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने अंधक को हिरण्याक्ष को दे दिया जो बाद अधंकासुर कहलाया. अंधकासुर के मन में देवी पार्वती के प्रति काम भावना जगने पर स्वयं महादेव ने इसका वध कर दिया था।